December 23, 2024
waste-masks

जिला में कोरोना पेन्डेमिक से बचाव पर फोकस बनाए रखने के साथ स्वास्थ्य विभाग की दूसरी गतिविधियां भी जारी रहें, इस बात पर विचार-विमर्श के लिए उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के आला-अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें प्रतिरक्षण कार्यक्रम, वैंडर, सफाईकर्मी व पुलिस कर्मियों के रैंडम टैस्ट तथा प्रयोग के बाद वेस्ट हो चुके मास्क व पीपीई किट के उपयुक्त निपटान जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अनिश यादव, केसीजीएमसी के निदेशक डॉ. जगदीश चंद दुरेजा, मैडिकल कॉलेज में नियुक्त संयुक्त निदेशक ईशा काम्बोज, सिविल सर्जन डॉ. अश्विनी आहूजा, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मंजू पाठक, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीलम वर्मा, डीएमसी धीरज कुमार, रैडक्रॉस सचिव सुनील कुमार, तथा डीएचओ डॉ. मदन लाल उपस्थित हुए।

उपायुक्त ने पहले जिला में चल रहे इम्यूनाईजेशन यानि प्रतिरक्षण कार्यक्रम बारे पर विचार-विमर्श किया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीलम वर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम बीती 15 अप्रैल से शुरू हो चुका है। सभी पीएचसी में बुधवार और शनिवार के दिन छोटे बच्चों को विभिन्न बीमारियेां से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। इसके तहत आशा वर्कर या आंगनवाड़ी वर्कर की मार्फत उन्हीं बच्चों को अभिभावकों के साथ बुलाया जाता है, जिनके टीके ड्ïयू हैं, ताकि सही समय पर टीकाकरण हो सके।

बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए वैंडर यानि फल-सब्जी बेचने वाले, सफाईकर्मी व ड्ïयूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के रैंडम यानि एकाएक, कोविड-19 के टैस्ट कराए जाने पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने कहा कि इन लोगों का ओपन में ज्यादा एक्सपोज़र रहता है, इसलिए इनके रैंडम टैस्ट किए जाने जरूरी हैं। टैस्ट को लेकर सरकार व्यवस्था करवा रही है।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि इसका शैड्ïयूल बना लें, ज्यादा एक्सपोज़र वालों को पहले टैस्ट में ले लें। जैसे ही तैयारी पूरी हो जाती है, सूचना के माध्यम से बारी-बारी बुलाकर टैस्ट करें।

उपायुक्त ने कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए मुहं पर लगाने वाले मास्क या टैस्ट इत्यादि के लिए प्रयुक्त पीपीई किट के बेकार हो जाने के बाद उसके उचित निस्तारण पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बेकार मास्क को खुले में फैंक देना हानिकारक है, पशु इत्यादि खाएंगे तो नुकसान हो सकता है। इसके लिए शहर में जगह-जगह पीले रंग के डस्टबिन रखवाए जाएंगे, ताकि लोग बेकार मास्क इत्यादि को उसमें डाल सकें।

इसके बाद के उचित निस्तारण के लिए नगर निगम की ओर से व्यवस्था की गई है, जिसमें इन्हें वैज्ञानिक तरीके से नष्टï करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के टिप्पर, जो सभी वार्डो में जाते हैं, उन पर भी पीले रंग के बैग टांगे गए हैं, जिसमें नागरिक सीधे बेकार मास्क को डाल सकते हैं। इस बारे नागरिकों से भी अपील है कि बेकार मास्क को इधर-उधर ना फैंके, न ही उसे कूड़े में मिक्स करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.