हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति व लॉकडाउन के चलते कहा कि प्रदेश में गेहूं की खरीद आगामी 20 अप्रैल से तथा सरसों की खरीद 14 अप्रैल से किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में पहले छोटे किसानो की गेहूॅं खरीद करेंगे। बड़े किसानो को गेहॅूं स्टोरेज के लिए कहा जाएगा, ऐसे किसानो के लिए केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान मजदूर मेहनती स्वभाव के हैं, अच्छा रहेगा वह पहले की तरह खेतो में खुद काम करें, संकोच न करें। केवल कंबाईन पर ही निर्भर न रहें, मजदूरों को भी काम दें। मुख्यमंत्री गुरूवार को प्रदेश के 11 जिलों से सम्बंधित लोकसभा व राज्यसभा सांसदो के साथ एक महत्वपूर्ण विडियो कॉन्फ्रैंसिंग कर कोरोना वायरस से उत्पन्न ताजा हालात जिनमें जरूरतमंदो के लिए राशन, भोजन के पैकेट व आर्थिक सहायता जैसी चीजों के साथ-साथ कोरोना वायरस से प्रभावित व्यक्तियों और उनके ईलाज की व्यवस्था तथा तबलीगी मरकज से हरियाणा में अब तक आए लोगों की संख्या और उनके क्वारंटाईन को लेकर जानकारी ली और जन प्रतिनिधियों से सरकार व प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों को ओर बेहतर बनाने के सुझाव भी लिए। वीसी में करनाल से सांसद संजय भाटिया उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जो कदम उठाए गए हैं, उनसे वे संतुष्टï हैं। इस दौरान बीपीएल परिवारों को डिपो होल्डरो के माध्यम से नि:शुल्क राशन उपलब्ध करवाना, मुख्यमंत्री परिवार समृद्घि योजना व श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिको को आर्थिक सहायता दी जा रही है।
अब निर्णय लिया गया है कि जो व्यक्ति किसी भी लाभ प्रदान करने वाली सूची में शामिल नहीं है, जिनमें मजदूर और रिक्शा चालक जैसे लोग शामिल हैं, उनके फार्म भरवाकर तथा वैरीफिकेशन करवाकर उन्हें लॉकडाउन के दौरान एक हजार रूपये की साप्ताहिक आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जिन व्यक्तियों के बैंक खाते नहीं है, उनको राशन किट देने के लिए कहा गया है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनको 5 की बजाए 10 किलो गेहं और अंत्योदय की सूची में शामिल परिवारों को 35 से बढ़ाकर दोगुणा यानि 70 किलो अनाज 1 अप्रैल से मिलना शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने तबलीगी मरकज से जुड़े व हरियाणा में लोगों की अब तक की स्वयं जानकारी देकर जन प्रतिनिधियों से जिलावार जानकारी ली। उन्होंने बताया कि तबलीगी मरकज से जुड़े 107 व्यक्ति विदेश के थे और 925 दूसरे प्रांतो से ताल्लुक रखने वाले थे तथा 280 लोग हरियाणा के थे।
इन लोगों ने कोरोना वायरस के दौरान सरकार की ओर से जारी नियमो की अनदेखी की थी, इसके लिए उनके पासपोर्ट पुलिस द्वारा कब्जे में ले लिए गए हैं और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नए व्यक्ति की जानकारी मिले तो उसे प्रशासन को दें, ताकि उसे क्वारंटाईन किया जा सके।
सांसद संजय भाटिया ने कोरोना वायरस के चलते अपने हल्के की मौजूदा स्थिति की मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि करनाल में जिला प्रशासन द्वारा इस महामारी से निपटने तथा जरूरतमंदो को राशन वितरण जैसी बेहतरीन व्यवस्था की गई है। अच्छी बात यह है कि करनाल में अब तक कोरोना का कोई भी पॉजीटिव मामला नहीं हुआ है। कोरोना से सम्भावित अब तक 53 व्यक्तियों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
दूसरी ओर तबलीगी मरकज में करनाल के सम्बंधित 16 लोग थे, जिनमें से 8 दिल्ली में अस्पताल में हैं, 7 व्यक्ति इंडोनेशिया के थे, वे वापिस चले गए और 1 व्यक्ति करनाल से सम्बंधित था, उसे व उसके परिवार को क्वारंटाईन कर दिया है। एनजीओ, धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं कोविड-19 से संघर्ष के दौरान संकट की घड़ी में जिला प्रशासन को सहयोग दे रही हैं।
उन्होंने बताया कि 585 व्यक्ति ट्रैवल कर आए थे, जिनका रिकॉर्ड प्रशासन के पास पंजीकृत है और यह सभी सर्विलांस में हैं।
सांसद संजय भाटिया ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि सभी जिलो में ऐसी ग्राम सभाओं का गठन किया जाए, जिसमें पंचायती राज के प्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हों, जो लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूक करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करें कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को राशन इत्यादि मिले और कोई भी भूखा न रहे।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि शहरो में भी वार्ड स्तर पर समितियों का गठन हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुझाव अच्छे हैं, सरकार इन पर विचार करेगी।