करनाल के काछवा पीएचसी पर ताला लगा होने के कारण सुबह एक महिला की ऑटो में ही डिलीवरी करवानी पड़ी। महिला साढ़े 7 बजे पीएचसी पहुंची। वहां गेट पर ताला लगा हुआ था। इसलिए मजबूरी में ऐसा करना पड़ा। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ करनाल डॉ. अश्विनी आहुजा ने इंद्री के एसएमओ को इसकी जांच करने के आदेश दिए हैं। मामला शुक्रवार सुबह का है। जच्चा ने स्टाफ नर्स पर भी धमकाने सहित धमकी देने के आरोप लगाए हैं।
काछवा की निर्मला देवी सुबह साढ़े सात बजे काछवा पीएचसी में पहुंची। वहां पर गेट पर ताला लगा था। कड़ाके की ठंड में महिला पीएचसी के स्टॉफ का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान महिला की प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई। महिला प्रसव पीड़ा के कारण जोर-जोर से कराह रही थी। महिला के पति प्रवीण कुमार और ऑटो ड्राइवर ने ऑटो में पर्दा लगाकर खुद ही डिलीवरी करवाई।
बाद में कुछ लोग साथ में किराए पर रह रही एक प्राइवेट नर्स को भी लेकर आए। लेकिन जब तक महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया था। करीब 8 बजे सरकारी नर्स वहां पर पहुंची।
डिलीवरी के समय तापमान 20 डिग्री होना चाहिए : डाॅक्टर ने बताया कि कड़ाके की ठंड में बाहर ऑटो में डिलीवरी होने के कारण जच्चा और बच्ची को कुछ भी हो सकता था। सुबह का तापमान भी तीन से चार डिग्री होता है। जबकि डिलीवरी के समय तापमान 20 डिग्री होना चाहिए।
काछवा पीएचसी में सुबह साढ़े 7 बजे कोई भी कर्मचारी नहीं था मौजूद ऑटो ड्राइवर ने की मदद
बच्ची पैदा होने के बाद पहुंची सरकारी नर्स
निर्मला ने बताया कि बच्चा पैदा होने के बाद वहां पर सरकारी नर्स पहुंची। मेरी गोद में उस समय बच्ची थी। उस समय भी प्रसव पीड़ा असहनीय थी। लेकिन नर्स ने आते मेरे पति और मेरे को धमकाना शुरू दिया, बोली करनाल अस्पताल में जाना था, यहां क्यों आए। नर्स बोली- अब मेरे खिलाफ शिकायत करोगे कि बच्चा ऑटो में पैदा हो गया।
महिला बोली मेरा पहला बच्चा भी यहीं पीएचसी में हुआ था इसलिए यहां आए थे, मेरे को क्या पता था कि यहां पर गेट बंद मिलेगा। नर्स ने उसे धमकाते हुए कहा कि किसी को बताने की जरुरत नहीं है। दोनों पति पत्नी को झूठे केस में फंसा दूंगी।
लापरवाही के बाद भी नर्स डाटने लगी : इतनी बड़ी लापरवाही होने के बाद भी नर्स उल्टा महिला को ही डांटने लगी। दूसरी तरफ स्टाफ नर्स का कहना है कि रात की ड्यूटी कर रही स्टाफ नर्स को इमरजेंसी के कारण जल्दी जाना पड़ गया। लापरवाही नहीं बरती गई। इसी कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ा।
काछवा में महिला की डिलीवरी ऑटो में हुई है, यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की सूचना मिलते ही इंद्री के एसएमओ को इसकी जांच सौंपी है। सोमवार को जांच रिपोर्ट आ जाएगी। इस आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। डॉ. अश्विनी आहुजा, सीएमओ, करनाल।
3 डाॅक्टरों के सहारे चल रहा असंध का नागरिक अस्पताल, लोगों को नहीं मिल पा रहा इलाज
अस्पताल में कोई महिला डाॅक्टर नहीं, 100 डिलीवरी होती हैं यहां : नागरिक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की कोई भी सुविधा नहीं है। न ही अस्पताल में कोई भी महिला डाॅक्टर पिछले कई वर्शों से नहीं है। इसके बावजुद भी 100 डिलीवरी प्रत्येक माह हो जाती हैं। महिला डाॅक्टर न होने के कारण डिलीवरी के दौरान खतरा रहता है। वहीं अधिकतर महिलाएं प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने पर मजबूर होना पड़ता है।