November 22, 2024

( रिपोर्ट – कमल मिड्ढा )करनाल के लोगों का कहना मंत्री हो तो अनिल विज जैसा – हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बुधवार को अचानक सीएम मनोहर लाल खट्टर के विधानसभा क्षेत्र के नगर निगम ऑफिस पहुंच गए। उनके पहुंचते ही दफ्तर में हड़कंप मच गया। विज ने जांच की और मौके पर मौजूद अधिकारियों को लताड़ लगाई। विज ने काम में लापरवाही करने पर एक चपरासी समेत 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

ये किए गए सस्पेंड-

  • डिप्टी डायरेक्टर- राजकुमार
  • एमई- लखमीचंद राघव
  • एक्सईएन- एलसी चौहान
  • डीटीपी- मोहन सिंह
  • चपरासी- दीपक

शहरी निकाय एंव गृह मंत्री अनिल विज ने बुधवार को करनाल नगर निगम का औचक निरीक्षण किया। डिस्पैच रूम के बाद वे अलग-अलग कमरों का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान आयुक्त नगर निगम निशांत कुमार यादव भी पहुंच गये। परिचय के दौरान मंत्री ने पूछा आप कहां थे, तो निशांत बोले- सर मेरे पास हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन के सचिव का चार्ज है। करनाल निगम आयुक्त का एडिशनल चार्ज है।

इस पर छूटते ही विज बोले, एचपीएससी और नगर निगम का क्या ताल्लुक है। कहां चंडीगढ़ और कहां करनाल। तभी आपने यहां भगवान भरोसे छोड़ रखे हैं ये सारे..। इसके बाद विज अपने पर्सनल सेक्रेटरी से बोले, लिख भाई डायरी में इनका नाम भी कि निशांत यादव को डबल चार्ज दे रखा है, जो मेरे छापे के दौरान हमसे डेढ़ घंटे बाद कार्यालय आये हैं।

9 सितंबर को मिला था निशांत यादव को आयुक्त का चार्ज
निशांत कुमार यादव को करनाल नगर निगम का चार्ज 9 सितंबर 2019 को मिला था। इससे पहले उनके पास केवल हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का ही चार्ज था। निगम आयुक्त का उनके पास अतिरिक्त चार्ज है। निशांत यादव से पहले राजीव मेहता करनाल नगर निगम के आयुक्त थे।

करनाल को चाहिये अपना आयुक्त
छापे के दौरान खामियों पर मंत्री अनिल विज ने चार अधिकारियों सहित कुल पांच को सस्पेंड करने के आदेश दिये। कई खामियां देखते हुये उन्होंने आयुक्त निशांत कुमार यादव से भी बात की। उन्होंने कहा कि करनाल को अपना आयुक्त चाहिये। अतिरिक्त चार्ज होने से अफसर ध्यान नहीं दे पाता। इधर, पीछे अन्य अधिकारी कर्मचारी भी काम में लापरवाही बरतते हैं, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।

पार्षदों की सुन विज बोले – ठेकेदारों की सिक्योरिटी पर वापस से पहले एमसी के हस्ताक्षर होंगे जरूरी

नगर निगम का निरीक्षण करने के बाद मंत्री अनिल विज ने पार्षदों के साथ बैठकर चर्चा की। पार्षदों ने अपनी अपनी समस्या से मंत्री को अवगत करवाया। कई कामों को पूरा करने और कई कामों पर जल्द ही कार्रवाई के लिए अपने साथ नोट करके ले गए।

वार्ड 15 के पार्षद युद्घवीर सिंह ने बताया कि ठेकेदार उचित तरीके से काम नहीं करते। अधिकारी उनकी सिक्योरिटी भी वापस कर देते हैं। परेशानी शहर के लोगों को होती है और सुनने पार्षदों को पड़ती है। पार्षद ने अपना सुझाव रखते हुए बताया कि सिक्योरिटी देने से पहले पार्षदों के हस्ताक्षर करवाए जाएं, ताकि ठेकेदार काम सही करें। जवाब में मंत्री ने कहा कि ये सही रहेगा। जल्द ही इसका पत्र जारी कर दिया जाएगा। पत्र में किसी भी ठेकेदार की सिक्योरिटी राशि एमसी के हस्ताक्षर के बिना वापस नहीं होगी। इसके बाद अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान करवाया जाएगा।
हुडा वाले नहीं करवाते काम, निगम के अधीन हो

वार्ड आठ की पार्षद मेघा भंडारी ने कहा कि हुडा के कई सेक्टर उनकी वार्ड में आते हैं। जहां पर निगम काम नहीं करवा सकता और हुडा वाले करवाते नहीं। वहां रहने वाले लोगों का समाधान करने के लिए हुडा क्षेत्र के इन स्थानों को निगम के अधीन किया जाना चाहिए। इनमें अधिकतर ग्रीन बेल्ट व रिहायशी हुडा सेक्टर शामिल हैं।

पर्ची के लिए सेक्टर-12 की दौड़ हो खत्म
पार्षदों ने बताया कि जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों के लिए शहर के लोगाें को काफी परेशान हो रही है। उन्हें फाइल निगम से तैयार करवानी पड़ती है और रसीद सेक्टर 12 में कटवानी पड़ती है। इसके बाद फिर से निगम में जमा करवाई जाती है। इससे पहले निगम में ही पूरा काम होता है। आगे से भी ऐसा ही किया जाए। जवाब में मंत्री ने अपने पीए से पूरा मामला नोट करवाया।

पब्लिक हेल्थ वाले फोन तक नहीं उठाते
पार्षद ईश गुलाटी ने बताया कि कुछ समय पहले पब्लिक हेल्थ को निगम के अधीन किया था। शहर में 10-10 फीट तक सीवर बना हुआ है। इसे कर्मचारी साफ नहीं करते। जब किसी भी काम के लिए फोन करते हैं तो फोन तक नहीं उठाते। इस विभाग को पहले की तरह ही किया जाए, ताकि निगम अपने स्तर पर सफाई की व्यवस्था कर सके।

अनअप्रूव कालोनी को करवाओ अप्रूव
पार्षद रजनी परोचा ने बताया कि उसके क्षेत्र में काफी कालोनियों अनअप्रूव है। जहां पर 80 से 90 फीसदी क्षेत्र में आबादी रहती है। ऐसी कालोनियों को अप्रूव किया जाना चाहिए। जवाब में मंत्री बोले – ऐसा मेरे सामने कोई मामला नहीं आया है।

हल्की सी बारिश में चलना हो जाता है मुश्किल
वार्ड एक पार्षद नवीन ने कहा कि एक बार उसके वार्ड का दौरा भी करो। वहां पर कोई काम नहीं हो रहा है। वसंत विहार ऐसा एरिया है, जहां हलकी बूंदाबांदी के बाद पैदल और वाहन के साथ चलना मुश्किल होता है। कोई काम नहीं हो पा रहे। अधिकारी सहयोग नहीं करते और ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। जनता व पार्षद परेशान है। सुनने वाला कोई नहीं है।

कुर्सी को लेकर मेयर-मंत्री….आप बैठो
दौरे के बाद जैसे ही मेयर के कार्यालय में पहुंचे तो साथ वाली कुर्सी पर बैठने लगे। ऐसा देखते हुए मेयर ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठने को कहा। मंत्री ने दूसरे कुर्सी पर बैठते हुए मेयर को ही वहां बैठने के लिए बोला। मेयर ने दोबारा से कुर्सी की तरफ इशारा किया और बोला- आप बैठो। जवाब में मंत्री बोले- नहीं आप बैठो। बाद में मेयर रेणूबाला गुप्ता अपनी कुर्सी पर बैठी।

साइट विजिट कुछ नहीं, इसके नाम पर बीवियों को कराते हैं शॉपिंग
अपने तल्ख अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले मंत्री अनिल विज करनाल में भी अपने अंदाज में नजर आये। चार अधिकारियों समेत कुल पांच को उन्होंने करनाल नगर निगम में छापे के दौरान सस्पेंड कर दिया। डिस्पैच रूम से शुरू होकर मंत्री एमई, एक्सईएन सहित डीटीपी समेत कुल 7 कमरों में गये। हर जगह उन्होंने रखी फाइलों की छानबीन की। साथ के साथ किस फाइल पर कितना काम हुआ, इसका जवाब भी उन्होंने मांगा।

तल्ख अंदाज में मंत्री के सवालों ने अधिकारियों के पसीने छुटा दिये। एक्सईएन एलसी चौहान के कमरे में खाली कुर्सी और क्लर्क के तर्क पर मंत्री भड़क गये। बोले, साइट विजिट कुछ नहीं इसके नाम पर तो ये बीवियों को शॉपिंग कराते हैं। कहां हैं ये बुलाओ इन्हें। जानिये किस कमरे में किस अंदाज में मंत्री ने बात की, अमर उजाला संवाददाता की इस रिपोर्ट में-
डिस्पैच रूम

आपने क्या तमाशा बना रखा है ये, हू आर यू टू चैक
बरामदे में खड़े लोगों से बातचीत करने के बाद मंत्री विज सीधा सबसे पहले डिस्पैच रूम में पहुंचे। यहां उन्होंने शिकायतों को पढ़ा। कई शिकायतें नवंबर माह की भी रखी हुई मिली। इस पर उन्होंने कर्मचारियों से जवाब मांगा, तो वे कोई जवाब नहीं दे पाये। बोले, आपका काम है डाक को रिसीव करना, क्यों लोगों को परेशान करते हो।

क्लर्क हो ना.. आपने क्या तमाशा बना रखा है ये, लोग परेशान हो रहे हैं। इस पर कर्मचारी बोले, सर हम चैक करते हैं तो गुस्साये मंत्री ने पूछा- हू आर यू टू चैक..। कितनी शिकायतें तो तुम्हारे कारण यहीं पड़ी रह जाती हैं।

कमरा-2
मैं अंगूठा टेक मंत्री नहीं हूं, पढ़ा लिखा हूं बरगला मत..
डिस्पैच रूम के बाद मंत्री सीधा एमई लख्मी चंद के रूम में पहुंचे। कमरा नंबर-2 में भी उन्होंने फाइलों की जांच की, कई फाइलों के बारे में मंत्री ने एमई से पूछा, तो हर बार उन्होंने मंत्री को कारण बता कर टाल दिया। फिर वसंत विहार की शिकायत उनके हाथ लग गई। अंग्रेजी में पढ़ते हुये उन्होंने इसके काम के बारे में पूछा तो एमई ने फिर तर्क देना शुरू कर दिया।

तो छूटते ही मंत्री बोले, मैं कोई अंगूठा टेक मंत्री नहीं हूं, पढ़ा लिख हूं बरगला मत.. मुझे, मैं सुनने नहीं आया, तुम्हारे काम देखने आया हूं। फिर उन्होंने शिकायत पढ़ते हुये एलीवेशन ऑफ रोड अबॉव माई हाउस इन बसंत विहार गली नंबर-3. का मतलब और ये काम कब कराया किस दिन कराया इसके बारे में एमई लख्मी चंद राघव से पूछा।

कमरा-3
भाई मेरे को काम चाहिये, तूने क्या किया ये बता..
कमरा नंबर-3 है एक्सईएन सतीश शर्मा का। यहां भी मंत्री ने विजिट किया। आते ही फाइलों को खोलना शुरू कर दिया। एक के बाद एक कई फाइलें उन्होंने निकाली। एक फाइल में उन्होंने कहा कि कंपनी ने काम 90 दिनों में पूरा करना था, लेकिन नौ माह बीत गये। इस फाइल में लिखा था कि 90 दिन में काम पूरा नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी।

लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हुआ। तुमने छह माह और दे दिये। किस लिये कंपनी को अतिरिक्त समय दिया? इस पर सख्त लहजे में एक्सईएन से मंत्री बोले भाई मेरे को काम चाहिये, तुने क्या किया ये बता..। छह महीने भी निकल गये, 90 दिन भी निकल गये। इतनी कृपा कंपनी पर क्यों हुई इस पर उन्होंने एक्सईएन से स्पष्टीकरण मांग लिया।

कमरा-7
डीसी क्या, जिसको मर्जी उठाकर बुला लेता है..
कमरा नंबर-4 के बाद 7 में भी जाते ही मंत्री बोले- ये भी गायब है, जब मैं यहां पर आया तो ये कहां है। इस पर क्लर्क अंदर आ गया। पूछा साहब कहां हैं। तो जवाब दिया कि एक्सईएन एलसी चौहान डीसी की मीटिंग में गये हैं। किसे बताकर? इस पर क्लर्क कोई जवाब नहीं दे पाया, तो मंत्री बोले, डीसी क्या जिसको मर्जी उठाकर बुला लेता है।

जाने से पहले एक्सईएन ने मेयर या आयुक्त से परमिशन तो ली होगी? या फिर कहीं रजिस्टर में नोट किया है? नहीं किया ना..। साइट विजिट पर जाते हैं ये कह कर अपनी बीवी को शॉपिंग कराते हैं ये। कोई अपनी डायरी मैंटेन नहीं की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.