दिल्ली से आई.टी.आई. चौक के रास्ते अग्रसेन चौक की ओर मुडऩे के लिए स्लिप वे बनाए जाने में अब कोई रूकावट नहीं रह गई है। लम्बे समय से जनता की मांग और जिला सड़क सुरक्षा समीति की बैठक में बार-बार उठाए जाने वाले इस मुद्दे का समाधान शीघ्र ही नगर निगम करने जा रहा है। अनुुमानित 3 लाख 69 हजार रूपये की राशि से बनने वाले स्लिप वे का निगम की ओर से टैण्डर लगा दिया गया है, जो आगामी 11 नवंबर को खुलने जा रहा है।
टैण्डर खुलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा, क्योंकि इसमें पहले ही काफी विलम्ब हो चुका है। यहां यह बताना भी जरूरी है कि जनता की सहूलियत से जुड़े इस कार्य को पहले पी.डब्ल्यू.डी. की बी. एंड आर. डिविजन ने करना था, लेकिन काम नहीं हुआ। अब नगर निगम ने इस विभाग से एन.ओ.सी. लेकर इसे करने की योजना बनाई है।
निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने शनिवार को इस सम्बंध में बताया कि स्लिप वे का काम सुनने और देखने में भले ही इतना बड़ा ना लगता हो, परंतु इसकी जरूरत अहम मायनो में है। दिल्ली से जो यात्रि अपने वाहन को आई.टी.आई. चौक पर आकर अग्रसेन या होटल ज्वैल्स की तरफ शहर में आने के लिए मोड़ते हैं, उन्हें चौक पर स्थित लाल बत्ती के समय उसके हरी होने तक इंतजार करना पड़ता है।
नतीजतन इस जगह पर सर्विस लेन के उपर वाहनो की लम्बी लाईने लग जाती हैं। इधर मुडऩे वाले लोग बिना वजह इरिटेट होने लगते हैं। इस समस्या का समाधान हालांकि पी.डब्ल्यू.डी. को पहले ही कर देना चाहिए था, लेकिन बार-बार मुद्दा उठने के बाद भी काम सीरे नहीं चड़ सकने के कारण अब नगर निगम इसे करेगा, ताकि वाहन चालकों को राहत दी जा सके, चौक पर ट्रैफिक कंजैशन भी कम होगी। निगम की मंशा है कि इसे प्राथमिकता पर किया जाए।
दूसरी ओर निगम आयुक्त ने बताया कि महाराजा अग्रसेन चौक से महात्मा गांधी चौक और इससे आगे अम्बेड़कर चौक तक का मार्ग वाहनो की आवाजाही से सदैव व्यस्त रहता है। ऐसे में बलड़ी चौक से जो वाहन विशेषत: एम्बूलेंस को कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज में आना होता है, तो उसे भीड़ में से निकलकर गांधी चौक से होकर जाना पड़ता है।
इस समस्या के समाधान के लिए कुछ समय पहले नगर निगम की ओर से एक योजना बनाई गई और फिर उसे मूर्त रूप देने के लिए पुरानी कचहरी परिसर व अग्रसेन चौक से गांधी चौक की डिवाईडिंग रोड़ के साथ-साथ एक नई सड़क बना दी है, जोकि प्रयोग में ली जा रही है। इस पर करीब 36 लाख रूपये की लागत आई है। अब कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज और इससे आगे सैक्टर-12 व नई कचहरी की ओर जाने वाले वाहनो का सफर सुगम हो गया है।
उन्होंने बताया कि इस सड़क के बनाने में कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज के निर्माण के दौरान मिट्टी के ऊंचे-ऊंचे तौंद बन गए थे। सड़क निकालने के लिए कुछ हिस्से को हटाना जरूरी था। इस तरह की औपचारिकताओं में हालांकि समय लगा है, लेकिन अब एक अच्छी सड़का का निर्माण हो गया है। अब इधर से आने वाली एम्बूलेंस इस मार्ग से होकर सीधे अस्पताल की एमरजेंसी में बिना किसी विलम्ब के पहुंच जाती हैं।