आउटर की कालोनियों जैसे बसंत विहार आदि में काम देरी से शुरू हुए और स्पीड भी रही काफी स्लो जिसका विरोध जिला भाजपा को चुनावों में भुगतना पड़ा !
करनाल विधान सभा से बीजेपी के नेता और कार्यकर्ताओं ने एक लाख वोटों से चुनाव जीतने का टारगेट रखा था। भाजपा नेताओ के मुताबिक इसके लिए पांच हजार कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में लगे थे। सीएम जीत का पूरे प्रदेश में रिकाॅर्ड बनाना चाहते थे। लेकिन जीत का मार्जन पिछले प्लान से भी कम रह गया।
कांग्रेस के उम्मीदवार सरदार त्रिलोचन सिंह को इतने वोट मिलने की उम्मीद नहीं थी। वे चुनाव प्रचार भी बहुत कम कर पाए। लेकिन वोट 34 हजार से ज्यादा वोट लेकर सभी अचंभित कर दिया। सीएम मनोहर लाल ने ज्यादा मार्जन से चुनाव जीतने के लिए पूर्व विधायक जयप्रकाश गुप्ता को बीजेपी में शामिल किया। पिछले प्लान जयप्रकाश गुप्ता ने सीएम के सामने चुनाव लड़ा था और 18 हजार के करीब वोट लिए थे।
इसके अलावा मनोज वधवा को पार्टी में ज्वाइन करवाया था। मनोज वधवा ने जाॅइन करते समय स्टेज से घोषणा की थी कि इस बार सीएम मनोहर लाल को सवा लाख वोटों से जितवाएंगे। कांग्रेस और इनेलो के कार्यकर्ताओं को बीजेपी पार्टी ज्वाइन करवाई। लेकिन इसके बाद जो पुराने कार्यकर्ता दिन -रात मेहनत कर रहे थे, उन्होंने मेहनत करनी छोड़ दी, इसी कारण भी मार्जन कम हुआ।
आउटर की कालोनियों में काम देरी से हुए
पांच साल सीएम मनोहर लाल करनाल विधान सभा में कम समय दे पाए। शहर और सेक्टरों में विकास के काम बराबर हुए। लेकिन आउटर की कॉलोनियों में काम नहीं हो पाए। गांव में भी फिलहाल विकास कार्य चल रहे हैं जिसके विरोध के चलते भी कम वोट सी एम मनोहर लाल खट्टर को पड़े !