14 अक्तूबर 2019 मधुबन: हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो नई दिल्ली के तत्वावधान में सडक़ दुर्घटना मामलों में अनुसंधान विषय पर पांच दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आरम्भ हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए हाईवे यातायात की पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री ने प्रतिभागियों को यातायात नियमों के उल्लंघन और इनकी जांच के आधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारी आधी से ज्यादा जिन्दगी सडक़ का उपयोग करते हुए गुजर जाती है। हम सडक़ सुरक्षा निश्चित करके अपने जीवन आनन्द ले सकते हैं। सडक़ का प्रयोग करने वालों की सुरक्षा करना पुलिस का कत्र्तव्य है।
अब वक्त आ गया है जिम्मेदार नागरिक बनने का। सबसे ज्यादा मौत सडक़ दुर्घटना में होती है। वर्तमान में हमारे युवाओं को सडक़ पर खून की धारा के रूप में बहते देखा जा सकता है हमें सोचना चाहिए कि खून की जरूरत सडक़ को नहीं देश को है। सडक़ दुर्घटना में होने वाली हानि को वे अच्छी तरह से समझ सकते हैं जिन्होंने अपना कोई प्यारा सडक़ दुर्घटना में खोया हो। सडक़ दुर्घटना से केवल दुर्घटनाग्रस्त होने वाला व्यक्ति को ही हानि नहीं होती बल्कि इसकी हानि परिवार तथा समाज को भी भुगतनी पड़ती है।
डॉ. राजश्री ने कहा कि जनता को यातायात नियमों ॠके बारे में जागरूक करना हमारी पेशेवर व सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि गाड़ी चलाने वाले प्रत्येक चालक को यह सुनिश्चित करना चाहिए की उसके पास प्राथमिक चिकित्सा पेटी उपलब्ध हो। इसके साथ ही उसे इसके इस्तेमाल करने की भी जानकारी होनी चाहिए।
उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि सडक़ दुर्घटना बहुत गंभीर विषय है इसके बारे में समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन के लिए अकादमी निदेशक एडीजीपी श्रीकांत जाधव तथा पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरों नई दिल्ली का आभार व्यक्त किया।
अकादमी के जिला न्यायवादी आनन्द मान ने हरियाणा पुलिस अकादमी की ओर से पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजश्री तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। अकादमी के उप जिला न्यायवादी अजय कुमार ने अतिथि वक्ता तथा प्रतिभागागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विजय सिंह, शार्ट कोर्स इंचार्ज दशर्न सिंह आईजी टै्रफिक ऑफिस से कर्मबीर एवं कुलवीर सिंह के अतिरिक्त 5 राज्यों के प्रतिभागी विशेष रूप से उपस्थित थे। 18 अक्तुबर तक जारी इस कार्यशाला में प्रतिदिन विविध स्संथाओं से आमत्रित वक्ता प्राशिक्षणार्थियों से रू- बरू होगें।