जैसा कि विदित है कि सरकार की ओर से अधिकृत की गई एक प्राईवेट कम्पनी के कर्मचारी शहर में घर-घर जाकर सम्पत्ति कर का सर्वे कर रहे हैं, जो सरकार की ओर से अनिवार्य किया गया है। इसे लेकर निगमायुक्त निशांत कुमार यादव ने नगर निगम के अधीन आने वाले सभी सम्पत्ति कर दाताओं से अपील की है कि वे सूचना एकत्र करने वाले सर्वेयर को सही-सही जानकारी दें, किसी भी प्रकार की आनाकानी ना करें।
जानकारी में बिजली व पानी के बिल की कॉपी, फोटो युक्त आई.डी. प्रूफ तथा पूर्व में जमा करवाए गए प्रॉपर्टी टैक्स के नोटिस व उसकी रसीद की प्रति उपलब्ध करवाना शामिल है।
निगमायुक्त के अनुसार सर्वे का कार्य पूर्ण होने के बाद सभी सम्बंधित व्यक्तियों की सम्पत्ति व उनसे सम्बंधित सूचनाओं को ऑनलाईन किया जाएगा, जिससे प्रॉपर्टी टैक्स बारे सम्पूर्ण जानकारी और विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी, क्योंकि यह बहुउद्ïदेशीय सर्वे है।
प्रॉपर्टी का एक आई.डी. नम्बर भी दिया जाएगा, जो भविष्य में काम आएगा। यदि सूचना प्रदाता द्वारा आधी-अधूरी जानकारी दी जाती है, तो भविष्य में उसे सम्पत्ति कर जमा करवाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 104 व 145 के अंतर्गत प्रत्येक सम्पत्ति कर दाता अपने मकान/प्लाट का पूर्ण विवरण देने के लिए बाध्य है।
उन्होंने बताया कि सर्वेयर को किसी भी तरह की फीस या चार्ज नहीं देना है, अर्थात जानकारी उपलब्ध करवाना पूर्ण रूप से नि:शुल्क है।