पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा के बैनर तले 2006 के बाद लगे सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों ने एनपीएस का विरोध करते हुए आक्रोश मार्च निकाला। इस मार्च में हरियाणा के करनाल, कैथल, पानीपत, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, सोनीपत व पंचकूला जिले के एनपीएस पीडि़त कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। एनपीएस की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने की व मंच संचालन जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पदम सिंह ने किया।
गौरतलब है कि बार-बार प्रदर्शन व रैलियां करके पेंशन बहाली संघर्ष समिति कर्मचारियों की एकता व एनपीएस के विरोध को सरकार तक पहुंचा चुकी है। परंतु सरकार इस ओर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठा रही है। आक्रोश मार्च का आयोजन भी सरकार को चेतावनी देने के लिए किया गया है, अन्यथा सरकार को आने वाले चुनाव में कर्मचारियों का विरोध सहना पड़ेगा।
यह भी ज्ञात हो कि राजनेता जितनी बार भी चुनाव जीते हैं, उतनी बार पेंशन लेते हैं। लेकिन कर्मचारी 30 से 35 साल तक सेवा करने के बाद भी अपने बुढ़ापे को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा है। राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों ने सभी एनपीएस पीडि़तों को एकजुट हो संघर्ष की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। राज्य अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठाने के लिए साथियों में जोश भरा व सरकार को चेताया कि तुरंत एनपीएस को भंग कर पुरानी पेंशन नीति 1972 को लागू किया जाए।
पेन्शन बहाली संघर्ष समिति को नौ सितंबर को मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने के लिए बुलाया गया है। इस अवसर पर राज्य कार्यकारिणी से ऋषि नैन, सुशील शर्मा, संदीप बड़ौदा, अनूप लाठर, ज्ञान चंद, पुरुषोत्तम मजोका, देवराज बालियान, प्रमोद, जिला प्रधान संदीप टूर्ण, प्रदीप सिंहमार, जितेंद्र पांचाल, वरुण, पदम प्रजापति व राजवीर सहित सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।