करनाल। शुक्रवार को असंध-जींद राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरने के 26वें दिन 9 गांव के किसानों ने धरना स्थल पर किसान महापंचायत कर असंध-जींद मार्ग जाम करने की पूरी तैयारी कर रखी थी, मौके पर पहुंचे एस.डी.एम. अनुराग ढालिया व डीएसपी दलबीर सिंह, नायब तहसीलदार व पुलिस अमले ने किसानों को यह कह कर मनाया था कि ओ.एस.डी. अमरेन्द्र सिंह आप को आज शाम करनाल में मिलेंगे और किसानो को मुख्यमंत्री से मिलने का समय दिलवायेंगे।
जिसकी तारीख की पुष्टी अमरेन्द्र सिंह स्वंय किसानों से मिलकर शुक्रवार को ही करेंगे। इस आश्वासन पर किसानों ने सडक़ जाम की योजना छोड दी व पी.डब्ल्यु.डी. रैस्ट हाऊस करनाल के लिये रवाना हो गए थे। परन्तु आज ट्रांस हरियाणा ग्रीन फील्ड परियोजना के तहत नवसृजित राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी के लिए अधिगृहित की गई जमीनों के मुआवजा प्रभावित किसानों का धरना आज 28वें दिन में प्रवेश कर गया।
आज तक भी ओ.एस.डी. द्वारा किसानों को मुख्यमंत्री से मिलने का समय नहीं दिया गया। मुआवजा प्रभावित किसानों का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र आर्य दादुपुर ने कहा कि जिस तरीके से प्रशासन द्वारा झूठा वादा करके किसानों के आंदोलन को तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है वह निन्दनीय है।
ओ.एस.डी. द्वारा अब तक मुख्यमंत्री से मिलने की तारीख ना दिये जाने पर किसान सकते में हैं। ओ.एस.डी. ने किसानों के साथ धरना खत्म करवाने के लिए पूरी कोशिश करी, पर किसान मुख्यमंत्री से मिलवाने की बात पर अड़े रहे।
असंध : आज धरने के 28वें दिन किसानों ने शनिवार को गांव ढाणी फोगाट में नैशनल हाईवे का मुआवजा बढवाने को लेकर चल रहे धरने पर 56 वर्षीय किसान रामोतर की जमीन जाने के सदमे से हुई मौत के शोक में दो मिनट का मौन रखा व उनकी आत्मा को शांति देने के लिए भगवान से प्रार्थना की। किसान नेता राजेन्द्र आर्य दादुपुर ने शहीद किसान रामोतर के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा, शहीद का दर्जा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
राजेन्द्र आर्य ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि धरना स्थल गांव गंगाटेहड़ी में भी किसान लगभग एक महीने से धरने पर बैठे हैं। धरने पर दिन भर किसान भूखे-प्यासे बैठे रहते हैं जिससे कई बुर्जग किसानों की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। प्रशासन धरने पर बैठे सभी किसानों का प्रतिदिन मैडीकल चैकअप करवाए। किसान नेता राजेन्द्र आर्य ने प्रशासन से मांग करी कि स्वास्थ्य विभाग ये सुनिश्चित करे धरने पर बैठे किसी किसान को शहीद ना होना पड़े।