भारतीय मजदूर संघ एवं हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ द्वारा गुरुवार को अनिश्चिकालीन धरना जिला सचिवालय के सामने शुरू किया गया। धरना तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार मांगों को लागू नहीं करती और समस्याओं का समाधान
नहीं किया जाता। बीएमएस ने प्रदेश के कर्मचारियों व मजदूरों की 51 मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा था। इस संबंध में चार जनवरी को मुख्यमंत्री ने अपने निवास पर बातचीत के लिए बुलाया था।
तीन घंटे बातचीत चलने के बाद 15 मांगों को स्वीकृति दी थी। इसमें मुख्य तौर पर सातवां वेतन, गेस्ट टीचर, समान काम समान वेतन, केशलेस मेडिकल सुविधा, सातवें वेतन आयोग के मुताबिक एचआरए, स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों पर व आंगनवाड़ी वर्करों की मांग पर, टयूबवैल आपरेटरों की मांग पर सहमति बनी थी।
सरकार ने इसका नोटिफिकेशन नहीं किया। इस कारण 19 जून को प्रदेश के सभी 22 जिलों में मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद सरकार ने 20 जुलाई को हरियाणा भवन में कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया। फिर भी मांगों का समाधान नहीं किया गया।
इस कारण भारतीय मजदूर संघ ने यह निर्णय लिया कि 27-28 जुलाई को सभी केबिनेट मंत्रियों की कोठियों पर धरना प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा और यदि फिर भी मुख्यमंत्री ने समय निश्चित नहीं किया तो एक अगस्त से जिला सचिवालय करनाल के सामने धरना दिया जाएगा।
इसी कड़ी में आज धरने की शुरूआत की गई और पहले दिन करनाल जिला के कर्मचारी धरना स्थल पर पहुंचे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि भवन निर्माण मजदूरों को सरकार की ओर से मिलने वाले लाभ की साढ़े चार लाख कापियां रद्द कर दी गई। इससे कर्मचारियों में भारी रोष है। ग्रामीण टयूबवैल आपरेटर, स्वास्थ्य विभाग, शुगर मिल, शिक्षा विभाग, हरियाणा रोडवेज आदि विभागों से बड़ी संख्या में कर्मचारी धरने में पहुंचे।
इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री जंग बहादुर यादव, प्रदेश अध्यक्ष सी.बी. चौहान, प्रदेश महामंत्री हनुमान गोदारा, मुकेश कुमार, कृष्णलाल गुर्जर, बहादुर यादव, कृष्ण छिकारा, सुरेंद्र ठाकुर, शामलाल, बलराज कश्यप, डा. रमेश कुमार, गोपाल शर्मा, महेंद्र नरवाल, रणबीर कांबोज ने कर्मचारियों को संबोधित किया।