December 23, 2024
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Image: <a href="https://www.instagram.com/uniquedhavalkhatri/">Dhaval Khari</a>

मत कर यकीन अपने हाथो की लकीरों पर मेरे दोस्त, नसीब उनके भी होते है जिनके हाथ नहीं होते।

अक्सर ये कहा जाता है की जब भगवान् एक दरवाजा बंद करता है तो दूसरा खोल देता है। सही मायने में या बात बिलकुल सटीक बैठती है धवल खत्री पर जिन्होंने 14 वर्ष की उम्र में अपने दोनों हाथों को खो दिया। धवल बिजली की तारों में फसे अपने पतंग को निकालने की कोशिश में करंट के चपेट में आ गए और उनका शरीर बुरी तरह से झुलस गया जिसके बाद उनके दोनों हाथों को काटना पड़ेगा।

धवल अपने आप को एक यूनिक आर्टिस्ट के तौर पर प्रस्तुत करते और वो यूनिक है भी। धवल बताते है कि वे आर्टिस्ट अपनी चॉइस से नही बल्कि संयोग से आर्टिस्ट बने। दोनों हाथो को खोने के बावजूद धवल ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और उसी उम्मीद का ही नतीजा है की आज धवल एक बोहोत ही अच्छे कलाकार बनकर उभरे।

माँ ने सिखाया पेन और पेंसिल पकड़ना।

हॉस्पिटल में जब धवल अपने दोनों हाथों को खोने के सदमे से गुज़र रहे थे तब उनकी माँ उनके लिए एक प्रेरणा बनी। उन्होंने धवल के कटे हुए हाथों में पेन, पेंसिल पकड़ाकर लिखने और पेंटिंग करने की कोशिश कराई और 7-8- महीनो में धवल ने न सिर्फ पेन और पेंसिल पकड़ना सीखा बल्कि अपनी लाजवाब पेंटिंग्स से सबका मन भी मोह लिया और धवल अब तक 300 से भी ज़्यादा पेंटिंग्स बना चुके है।

देखें धवल दवारा बनायीं गयी कुछ तसवीरें।

Image: Dhaval Khari

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Image: Dhaval Khari

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धवल के जज़्बे को हम सैल्यूट करते है।

कृपया इस पोस्ट को उन लोगो के लिए ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें जो शायद अपने जज़्बे को कही खो चुके है। उन्हें याद करवाइये की उनकी ज़िद के आगे कोई भी मुश्किल टिक नहीं सकती।

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