नगर निगम आयुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने आज स्थानीय विकास सदन में आयोजित एक बैठक में टैक्स ब्रांच की कारगुजारी की समीक्षा की। बैठक में उपनिगमायुक्त रोहताश बिशनोई, ई.ओ. धीरज कुमार, कर अधीक्षक हरफूल सिंह तथा रैंट क्लर्क जितेन्द्र मलिक उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में आयुक्त ने कहा कि स्थानीय निकायों में टैक्स से जो राशि एकत्रित होती है, वह कार्यालय के कार्यों तथा नागरिकों को मुहैया करवाई जाने वाली सुविधाओं में खर्च हो जाती है। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सम्पति व कमर्शियल करों की रिकवरी के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। इसके तहत कुल डिमांड के फलस्वरूप एक तिमाही में कम से कम चौथा हिस्सा रिकवरी करना लाजमी है। इसके लिए बकायादारों को पुनः नोटिस जारी कर उनके नागरिक कर्तव्य की याद दिलाएं। इसी तरह संस्थागत कर दाताओं को भी पहले से भेजे गए नोटिस के अतिरिक्त दोबारा नोटिस प्रेशित किए जाएं।
बैठक में कर अधीक्षक ने बताया कि चालू वित वर्ष में 31 जुलाई तक निगम कार्यालय में करीब 75 लाख रूपये की राशि सम्पति कर के रूप में जमा हुई है। सरकार की ओर से 31 अगस्त तक बकायादारों द्वारा एकमुष्त राशि जमा करवाने पर समस्त ब्याज के छूट की घोषणा की गई है। इसे देखते हुए अगस्त मास में रिकवरी बढ़ने की उम्मीद है। अधीक्षक ने बताया कि गत वित वर्श में 26 करोड़ की डिमांड के फलस्वरूप 13 करोड़ 25 लाख रूपये की रिकवरी हुई। इस वर्श भी इतनी ही डिमांड है।
आयुक्त ने बैठक में नगर निगम की दुकानों से प्राप्त होने वाले रैंट को लेकर भी समीक्षा की। रैंट र्क्ल्क ने बताया कि इस वर्श रैंट की डिमांड 75 लाख रूपये है। दुकानदारों की तरफ 1 करोड़ 24 लाख रूपये बकाया भी है। नियमानुसार 5 साल की अवधि के बाद 25 प्रतिशत रैंट बढ़ जाता है। आयुक्त ने निर्देश दिए कि निगम की दुकानों में बैठे जो दुकानदार किराया नहीं चुका रहे हैं, उन्हे नोटिस देकर दुकान खाली करवाएं, दुकानों का किराया तो समय पर आना ही चाहिए।
निगम आयुक्त ने शहर के सभी टैक्स दाताओं से अपील की है कि वे अपने शहर व देशहित में सम्पति कर को जमा करवाकर एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं। विकसित देषों में भी नागरिक समय पर सरकार को टैक्स देते हैं और टैक्स से एकत्रित राशि नागरिकों की सुविधाओं पर ही खर्च होती है। जिन लोगों के बिलों में टैक्स राषि को लेकर किसी प्रकार की त्रुटी है, वे निगम की कर शाखा में आकर इसे तुरंत ठीक करवा सकते हैं।