हरियाणा के दो बड़े कांग्रेसी दिग्गज नेता कुलदीप शर्मा व कुलदीप बिश्नोई अपने अपने बेटों को लोकसभा का चुनाव लड़वाने व राजनीती में प्रवेश करवाने के लिए इन दिनों पूरा जोर लगा रहे है ! बेटे चाणक्य पंडित को कुलदीप शर्मा करनाल लोकसभा से से व भव्य बिश्नोई को कुलदीप बिश्नोई हिसार से लड़वाना चाहते है लोकसभा का चुनाव !
कुलदीप बिश्नोई क्यों चाहते हैं खुद नहीं भव्य उतरें?
प्रदेश की राजनीति करना चाहते हैं। कांग्रेस में गैर जाट चेहरा बनने की कोशिश है। बेटे को केंद्र में भेजकर आदमपुर-हांसी-नलवा समेत हिसार क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटों पर टिकट जुटाने का प्रयास रहेगा। 2009 में परिवार की परंपरागत सीट आदमपुर से कुलदीप विधानसभा में गए। भजनलाल के निधन के बाद कुलदीप लोकसभा में गए तो आदमपुर से पत्नी रेणुका विधायक बनीं।
कुलदीप शर्मा भी चाहते हैं बेटा ही उतरे ?
1980 से 1996 तक करनाल सीट पर कांग्रेस के पंडित चिरंजी लाल शर्मा 4 बार सांसद बने। कुछ माह पहले तक कुलदीप शर्मा पिता की सीट पर दावा कर रहे थे। अब उनकी इच्छा है कि पार्टी उनके बेटे चाणक्य को टिकट दे। यहां से 14 बार ब्राह्मण सांसद बने है । गन्नौर विधायक कुलदीप शर्मा सीएम खट्टर के प्रभाव वाली करनाल सीट पर कड़े मुकाबले में नहीं फंसना चाहते।
सोनीपत से हुड्डा क्यों कर रहे हैं परहेज?
कांग्रेस चाहती है कि सोनीपत सीट पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा खुद लड़ें या प्रत्याशी का जिम्मा लें। हुड्डा लड़ने को लेकर उत्साहित नहीं हैं। वह फोकस प्रदेश पर रखना चाहते हैं। 1980 में सोनीपत से सांसद बने ताऊ देवीलाल ने प्रदेश की राजनीति के लिए इस्तीफा देकर महम से विधानसभा चुनाव लड़ा था। दोबारा सोनीपत ने देवीलाल को यहां से मौका नहीं दिया और दो बार हराया।
तीसरे नंबर पर रहीं श्रुति को ही क्यों आगे कर रहीं किरण?
कांग्रेस हाईकमान को फीडबैक मिल रहा है कि भिवानी-महेंद्रगढ़ से बेटी श्रुति के मुकाबले किरण चौधरी मजबूत प्रत्याशी होंगी। 2009 में सांसद बनीं श्रुति 2014 में तीसरे नंबर पर थीं। किरण तोशाम से विधायक हैं। तोशाम बंसीलाल परिवार के लिए सेफ मानी जाती है। पिछली बार हार के बावजूद श्रुति को तोशाम से लीड मिली थी। किरण प्रदेश की राजनीति में ही सक्रिय रहना चाहती हैं।
कैप्टन चाहें खुद केंद्र और रेवाड़ी से बेटे को उतारा जाए
6 बार रेवाड़ी के विधायक रहे कैप्टन अजय यादव ने सेहत का हवाला देकर पिछली बार गुरुग्राम से बेटे राव चिरंजीव को टिकट के लिए जोर लगाया था। हाईकमान ने साफ किया था कैप्टन चाहें तो खुद लड़ लें। इस बार कैप्टन खुद के लिए गुरुग्राम से टिकट मांग रहे हैं। सोच यही है कि बेटे के लिए रेवाड़ी विधानसभा सीट का रास्ता साफ हो जाए। गुरुग्राम से 11 बार अहीर सांसद बने हैं।