राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने सोमवार को गांव बलड़ी से मैं भी किसान हूं राष्ट्रीय आंदोलन की शुरूआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र आर्य दादुपूर ने कहा कि चुनाव के इस दौर में सभी पार्टियां मुद्दाविहीन हो गई है। चुनाव गरीब, मजदूर और किसान पर केंद्रित न होकर केवल चौकीदार, चौकीदार चोर है, नामदार, कामदार और दामदार पर केंद्रित हो गया है। सभी पार्टियों ने देशहित और किसान हित के सभी मुद्दे छोड़ दिए हैं। मजबूरन किसान को एकजुट होकर एक आवाज में मैं भी किसान हूं का नारा देना पड़ा।
फसलों के मूल्य और मूल्यांकन के बीच की अस्पष्टता किसान आत्महत्या का असली कारण है। कांग्रेस ने किसानों के साथ जो धोखा किया, भाजपा ने उसको दोगुना करके लौटाया है। सत्ता के लालच में सभी पार्टियां बुनियादी मुद्दों से भटक गई है। आज हरियाणा में किसान सरसों को 3200 रुपये के दाम में बेचने पर मजबूर है। जबकि सरसों का एमएसपी 4200 रुपये क्विंटल तय है। जब तक पूरे देश में एमएसपी लागू नहीं किया जाता, तब तक मंडियों में किसान की फसल यूं ही लुटती रहेगी। मैं भी किसान हूं के नारे को हर गांव तक पहुंचाया जाएगा। इस अवसर पर जोगिद्र सिंह, बलबीर, सुभाष, रामपाल, रामफल, जगदीश, रमेश, गांधी और राजेश मौजूद रहे।