बिजली विभाग से हटाए गए स्किल्ड एवं अनस्किल्ड कर्मचारियों ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने का निर्णय लिया है। यदि कर्मचारियों की 48 घंटे के अंदर सैक्शन नहीं आई तो वे फिर से 16 मार्च से भूख हड़ताल पर बैठेंगे और सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरु करेंगे।
यह निर्णय आज कर्ण पार्क में आयोजित बिजली विभाग के स्किल्ड एवं अनस्किल्ड कर्मचारियों की पांच जिलों की मीटिंग में लिया गया। मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए करनाल प्रधान सचिन गुर्जर ने कहा कि सभी कर्मचारी तीन वर्षों से बिजली विभाग में मेहनत व ईमानदारी से कार्य कर रहे थे, जिन्हें बिना किसी नोटिस के पांच महीने पहले हटा दिया गया था।
दिसम्बर माह में सभी कर्मचारियों ने धरना दियाा था, परन्तु प्रदेश महासचिव नरेश बालु, प्रदेशाध्यक्ष दिनेश वशिष्ठ, प्रदेश संगठनकर्ता हनुमान गोदारा व मुकेश संदोल ने इन कर्मचारियों को विश्वास दिलाया था कि सरकार जल्द ही उनकी सैक्शन देकर विभाग में स्थान देगी, परन्तु पांच महीने से इन कर्मचारियों ने घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण, कंवरपाल गुर्जनर, पवन सैनी, कृष्ण पुंवार से लेकर सभी विधायकों से फोन करवाए गए, परन्तु सरकार ने किसी की नहीं सुनी, जिससे मजबूर होकर सभी कर्मचारी 230 परिवार ने सरकार के झूठे वायदों के खिलाफ विरोध करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री को 20 बार विज्ञापन दे चुके हैं लेकिन उन्होंने आज तक भी कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली। कुरुक्षेत्र प्रधान शुभम ने बताया कि यदि सैक्शन नहीं आई तो वे अनिश्चिकाली भूख हड़ताल करेंगे। इस दौरान किसी भी कर्मचारी को किसी तरह को मानसिक पीड़ा या तनाव हो तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। पांच जिलों की मीटिंग में ये फैसला लिया कि 230 परिवारों की हालत को देखकर धरना लम्बे समय तक चलाया जायेगा।
आज की मीटिंग में करनाल प्रधान सचिन, कैथल प्रधान रमन, कुरुक्षेत्र प्रधान शुभम, यमुनानगर प्रधान सुमित, अंबाला प्रधान राजकुमार प्रधान, राजू, झांगड़ा, कृष्ण, मुल्तान, सत्यवान, लाभ सिंह, विनित, रामकुमार, सुशील, नरेश, दिनेश, अरविंद्र सिंह, विरेन्द्र कुमार, लिपि सिंह, दीपक, सुनील, रविंद्र, हथलाना, सुमित, अरविंद एवं अशोक सहित काफी संख्या में कर्मचारियों उपस्थित रहे।