लोकसभा चुनाव का ऐलान जितने वाले उम्मीदवारों की तलाश में जुटे सभी राजनीतिक दल
लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही हरियाणा में भी सियासत गरम हो गई है ! पिछली बार 2014 में भाजपा ने सात सीटों पर कमल खिलाया था, जबकि सिरसा और हिसार सीटों पर इनेलो ने कब्जा जमाया था वही रोहतक से पूर्व मुख्य्मंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा एक सीट जीतकर प्रदेश में कांग्रेस को सफाए से बचा ले गए थे, लेकिन पिछले पांच सालों में अब हरियाणा में समीकरण बदल गए हैं !
देखें कैसे बदले समीकरण
भाजपा ने जिस हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ पिछली बार गठबंधन किया था, उसका कांग्रेस में विलय हो चुका है वही पूर्व मुख्य्मंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इनेलो में टूट के बाद नई जननायक जनता पार्टी बन चुकी है ,ऐसे में प्रदेश में नए सियासी समीकरण बन गए हैं ! बसपा भी भाजपा के बागी सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी है !
भाजपा के लिए करनाल बड़ी चुनौती, हिसार-सिरसा में कड़ा मुकाबला
सी एम सिटी करनाल में भाजपा टिकट बदल सकती है ,मोदी की लहर में करनाल से अश्विनी चोपड़ा ने जीत दर्ज की थी, अब हालात बदले हुए हैं ! भाजपा में मेनका गांधी से लेकर कई नामों पर चर्चा है, लोकल प्रत्याशी चंद्रप्रकाश कथूरिया ,पुण्डरी विधायक दिनेश कौशिक ,पूर्व उध्योग मंत्री शशी पाल मेहता ,समाजसेवी भारत भूषण कपूर भी करनाल से टिकट के प्रयास में हैं, चर्चा है कि कांग्रेस पूर्व मुख्य्मंत्री भजन लाल के बेटे चंद्रमोहन को भी टिकट दे सकती है, वही कांग्रेस सरकार में लगातार 2 बार सांसद रह चुके व बाद में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए व फिर बसपा को भी अलविदा कह चुके पूर्व सांसद डॉ. अरविंद शर्मा अभी मैदान में नजर नहीं आ रहे है !
भिवानी-महेंद्रगढ़
यह सीट भाजपा के कब्जे में हैं। धर्मवीर ने पिछली बार कांग्रेस की श्रुति चौधरी को डेढ़ लाख वोटों से हराया था। यहां से धर्मवीर दावेदार माने जा रहे हैं। उधर, श्रुति चौधरी कांग्रेस से फिर सक्रिय हैं।
सिरसा
इस सीट पर पिछले चुनाव में इनेलो के चरणजीत सिंह रोडी ने कांग्रेस के अशोक तंवर को लगभग सवा लाख वोटों से हराया था। तब हजकां और भाजपा गठबंधन के सुशील इंदौरा तीसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा से सुनीता दुग्गल, पूर्व आईएएस वी कामराजा यहां सक्रिय हैं, जबकि नाम राज्य मंत्री कृष्ण बेदी का भी चल रहा है। कांग्रेस में अशोक तंवर सबसे आगे हैं। इनेलो से वर्तमान सांसद चरणजीत रोड़ी मजबूत दावेदार हैं, लेकिन पूर्व विधायक सीताराम का नाम भी चल रहा है।
हिसार
यहां जेजेपी-भाजपा और कांग्रेस में लड़ाई तय है। हिसार में जेजेपी से दुष्यंत चौटाला और उनकी मां नैना चौटाला में से एक चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस से भजनलाल परिवार टिकट पर दावेदारी जता रहा है, लेकिन पूर्व मंत्री संपत्त सिंह भी लंबे समय से यहां तैयारी कर रहे हैं। भाजपा से आधा दर्जन नामों का पैनल बन रहा है।
फरीदाबाद
सांसद गुर्जर की दावेदारी मजबूत दिल्ली से सटी फरीदाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा के सांसद कृष्णपाल गुर्जर हैं। भाजपा में उनकी दावेदारी सबसे बड़ी मानी जा रही हैं। कांग्रेस में पलवल से विधायक करण दलाल के अलावा विधायक ललित नागर और महेंद्र प्रताप भी प्रयास कर रहे हैं।
गुड़गांव
यह सीट यादव और मुस्लिम बाहुल्य है। यहां से 3 बार सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह फिर भाजपा की टिकट पर प्रबल दावेदार हैं, जबकि कांग्रेस में कैप्टन अजय सिंह यादव जोर लगा रहे हैं।
सोनीपत
सोनीपत लोकसभा सीट वर्तमान समय में रमेश कौशिक सांसद हैं। भाजपा की ओर से कृष्णा गहलावत, योगेश्वर दत्त और विकास तुषीर के नाम भी चर्चा में हैं। इनेलो से पूर्व डीजीपी महेंद्र सिंह मलिक, कांग्रेस से प्रदीप सांगवान के अलावा रणदीप सिंह सुरजेवाला लड़ सकते हैं। जेजेपी भी बड़ा चेहरा ला सकती है। यहां से दिग्विजय भी लड़ सकते हैं।
रोहतक
कांग्रेस यहां से सांसद दीपेंद्र हुड्डा को चुनाव में उतारेगी। वे दो बार के सांसद हैं। भाजपा फिर से ओपी धनखड़ या मनीष ग्रोवर को टिकट दे सकती है। रोहतक में मंथन भी हो चुका है, लेकिन प्रत्याशी तय नहीं। कांग्रेस के लिए जहां गढ़ बचाने की चुनौती होगी, वहीं भाजपा यहां से जीतने की कोशिश कर रही है।
अम्बाला
कांग्रेस से कुमारी सैलजा सक्रिय हैं। भाजपा से रत्नलाल कटारिया भी चुनाव लड़ सकते हैं। अभी भाजपा मंथन कर रही है। बसपा-लोसुपा के गठबंधन में बसपा की ओर से नरेश सारण चुनाव लड़ सकते हैं। बसपा एक बार यह सीट जीत चुकी है। अम्बाला में 4 चुनावों में रत्न लाल कटारिया और कुमारी सैलजा के बीच मुकाबला हो चुका है।
कुरुक्षेत्र
अब तक किसी पार्टी का प्रत्याशी फाइनल नहीं है। लोसुपा-बसपा के गठबंधन में बसपा के खाते में यह सीट आई है। भाजपा के लिए बड़ी चुनौती सांसद राजकुमार सैनी हैं। भाजपा या कांग्रेस लोकल प्रत्याशी ही उतार सकती है। यहां नवीन जिंदल फिर से सक्रिय होने लगे हैं। कांग्रेस यहां से रणदीप सुरजेवाला को उतारती है तो वे भी बड़े दावेदारों में गिने जाएंगे। यहां से भाजपा पंजाबी को टिकट दे सकती है, जबकि जेजेपी -इनेलो भी यहां से बड़े प्रत्याशी उतार सकती है।