हरियाणा के पांच नगर निगमों के मेयर पदों के चुनाव के नतीजे जहां रोहतक , हिसार , करनाल पानीपत और यमुनानगर जिलों से जुड़े कुछ नेताओं का भविष्य तय करेंगे , वहीं राज्य की भावी राजनीति पर भी गहरा असर डालने वाले सिद्ध होंगे !
भले ही ये चुनाव राज्य सरकार के वजूद पर तात्कालिक रूप से कोई विपरीत प्रभाव न भी डाल पाएं , लेकिन भविष्य की राजनीति पर इनका बहुत गहरा असर जरूर पड़ेगा !
हरियाणा के कई बड़े बड़े राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि पांचों नगर निगमों में बीजेपी की पराजय हुई तो प्रदेश से बीजेपी सरकार की बिदाई का डंका अभी से बजने लगेगा ,वही इसके विपरीत यदि बीजेपी पांच में से तीन नगर निगमों मे भी चुनाव जीत जाती है तो इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तगड़ी उपलब्धि माना जाएगा और उन लोगों के मुंह पर यह करारा तमाचा होगा जो हरियाणा से बीजेपी के पतन के दावे करते नहीं थकते हैं !
भाजपा वैसे तो पांचों नगर निगमों के चुनाव जीतने का दावा करती है परंतु रोहतक ,करनाल व पानीपत में तो वह अपनी जीत तय मान कर चल रही है !
नगर निगमों में बीजेपी की जीत का असर यह होगा कि कांग्रेस आलाकमान भविष्य में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बातों को गंभीरता से लेना छोड़ देगा , जिनके दबाव में कांग्रेस ने नगर निगम चुनाव बिना सिंबल के लड़ने का फैसला किया था ,वही यदि कांग्रेस पांच में से तीन नगर निगमों में अपना डंका बजाने में कामयाब रही तो कांग्रेस आलाकमान की निगाह में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सियासी कद और भी बढ़ जाएगा !वही कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत अशोक तंवर व रणदीप सुरजेवाला का दावा है कि पांचों नगर निगमों में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार भारी बहुमत से जीतेंगे और सभी निगमों में स्थानीय सरकार कांग्रेस की ही बनेगी ,वही मिली जानकारी अनुसार कांग्रेस के रणनीतिकार सिर्फ रोहतक , करनाल व हिसार में ही अपनी विजय पक्की मान कर चल रहे हैं !
उधर इंडियन नेशनल लोकदल यदि पांच में से तीन नगर निगमों में भी अपने मेयर बनवाने में कामयाब हो जाता है तो उस पर लगा शहर विरोधी व गांव समर्थक पार्टी होने का ठप्पा काफी हद तक हट जाएगा और आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में पार्टी नेतृत्व की शहरी सीटों पर भी ‘गुल’ खिलाने की उम्मीदों को एकाएक पंख लग जाएंगे ,इससे अभय सिंह चौटाला के खुद के नेतृत्व पर उठ रही अंगुलियां भी अपने आप नीचे की ओर हो जाएंगी ,वही इनेलो नेताओं को बसपा के समर्थन से हिसार ,करनाल व यमुनानगर में अपने समर्थित मेयर बनने की जबरदस्त उम्मीद है !
करनाल मेयर सीट सबसे अहम
वही करनाल मेयर सीट को सबसे अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि करनाल विधानसभा से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर MLA है इसलिए हरियाणा की सभी विपक्षी पार्टियों की सीधी नजर इस सीट पर ज्यादा है !
करनाल मेयर सीट पर भाजपा मेयर प्रत्याशी रेनु बाला गुप्ता व आजाद मेयर प्रत्याशी आशा मनोज वधवा के बीच है कांटे की टक्कर ,जिसका फैसला कल आने वाले चुनावी नतीजे तह करेंगे जिसपर सभी की नजरें टिकी हुई है क्योंकि यह सीट सीधे तौर पर मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार के राजनीतिक भविष्य पर सीधा असर डालेंगी !