हरियाणा विधान सभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चौ. वेदपाल पश्चिमी बंगाल में किसान सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। यह जानकारी नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के कार्यालय प्रभारी चन्दन बोस ने दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा एनसीपी के प्रदेशाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य चौ. वेद पाल को पश्चिमी बंगाल के लोगों की मांग पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शरद पवार व पश्चिमी बंगाल के एनसीपी के प्रभारी प्रफुल पटेल सांसद के निर्देश पर पश्चिमी बंगाल व कलकत्ता का दो दिन का दौरा करेगें। वे 2 दिसम्बर को ईग्रा. व मेदनीपुर में नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के किसान सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। उनके साथ एनसीपी हरियाणा के प्रदेश महामंत्री व मिडिया प्रभारी विजयपाल एडवोकेट भी पश्चिमी बंगाल जायेंगे।
किसानों द्वारा हरियाणा प्रदेश व देश में बढ़ रही आत्महत्याएं चिन्ता का विषय है और सरकार की गलत नीतियां और बैंकों द्वारा की जा रही ज्यादतियां भी इसमें दोषी हैं। यह विचार नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और हरियाणा विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर चौधरी वेदपाल ने पश्चिमी बंगाल की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व कहे। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदन दुगना करने के नारे भी खोखले साबित हुए और सरकार के चेहरे से किसान हितैषी होने का मुखौटा उतर गया है और असली चेहरा सामने आ गया है।
हरियाणा एनसीपी के सुप्रीमो चौधरी वेदपाल ने कहा सरकार को चाहिए कि किसानों की मूलभूत समस्याओं का समाधान करे ताकि किसान कड़ी मेहनत के बावजूद दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर सके और आत्महत्या करने से गुरेज और परहेज करे। उन्होंने कहा कि केवल 6 प्रतिशत फसलों का ही न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार घोषित करती है परंतु नमी व अन्य बेबुनियाद आधारों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसान को नहीं दिया जाता और उसमें वास्तव में कटौती काट कर कागजों में पूरा मूल्य दिया जाना दिखाया जाता है जोकि सरकार के संरक्षण में होता है। उन्होंने कहा कि गन्ने की बकाया पेमेंट के लिए किसानों को कई-कई महीने रूलाया जाता है। उन्होंने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि 94 प्रतिशत फसलों का कोई समर्थन मूल्य सरकार घोषित नहीं करती और किसान मंडियों में लुटता फिरता है। उन्होंने कहा कि एक ठोस नीति बनाकर किसानों को लाभकारी मूल्य दिया जाना चाहिए।
चौधरी वेदपाल ने कहा कि देश का किसान तभी खुशहाल होगा जब किसान का बेटा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। उन्होंने कहा कि किसान मसीहा शरद पवार ही किसानों की समस्याओं को समझते हैं और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किसानों के बहत्तर हजार करोड़ के कर्जे माफ किए और लाभकारी मूल्य दिलाने के प्रयास किए। उन्होंने कहा कि जब किसान खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा और जिस देश में अन्नदाताओं को अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के बदले लाठियां और गोलियां खानी पड़े उस सरकार का अन्त निकट होता है। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग की।
इस अवसर पर 95 वर्षीय किसान रामस्वरूप, जगमाल सिंह, जगमीत सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि भी उपस्थित थे।