करनाल: 26 नवंबर 2008 के मुंबई अटैक में शहीद हुए जवानो और मारे गए भारतीय व विदेशी नागरिकों को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि देने के साथ निफा ने आज अपने दो माह के अभियान, 26 नवंबर से 26 जनवरी- देश की बात की शुरूआत की। निफा संयोजक एडवोकेट नरेश बराना ने 26 नवंबर को मुंबई में हुए अटैक के पूरे घटनाकर्म की जानकारी दी और शहीदों को नमन करते हुए सभी से कैंडल जलवाई।
हरियाणा इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन व सहोदया स्कूल का प्लेक्स के सहयोग से शुरू किये गए इस अभियान का पहला कार्यक्रम सेक्टर 6 के टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में किया गया जहाँ वरिष्ठ समाज सेवी व् निफा संरक्षक डॉ. लाजपत राय चौधरी ने मु य अतिथि के रूप में शामिल होकर बच्चों को राष्ट्र धर्म सर्वोपरि मानते हुए अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने निफा को करनाल का गौरव बताते हुए कहा कि निफा ने 6 बार गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकॉर्ड में करनाल का नाम रोशन किया है व् अब देश की भावी पीढ़ी का मार्गदर्शन करने का बीड़ा उठाने का महा अभियान शुरू किया है। कार्यक्रम के मु य वक्ता व निफा अध्यक्ष प्रितपाल सिंह पन्नू ने विद्यार्थियों से केवल सफल होने की दौड़ से बचने की सलाह दी और कहा कि सफल होने से ज्यादा महत्वपूर्ण संस्कारित होना है, बिना संस्कारों के अकसर सफल विद्यार्थी भी गलत कदम उठा लेता है और बाद में सिवाय पछतावे के कुछ हाथ नहीं लगता।
उन्होंने गुरुग्राम के रयान स्कूल में हाई क्लास के बच्चे दवारा प्राइमरी क्लास के बच्चे को चाक़ू मार कर कतल करने, यमुनानगर डी ए वी कॉलेज में एक छात्र द्वारा अपने प्रिंसिपल को गोली मारने और गुजरात राजकोट में एक सहायक प्रोफेसर द्वारा अपनी बीमार माता को मकान कि छत से धक्का देने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उपरोक्त सभी घटनाओ में विद्यार्थी अच्छे स्कूल और अच्छी शिक्षा के साथ तो जुड़े थे पर अच्छे संस्कारों के आभाव में उन्होंने ऐसा अपराध किया, जिसके बाद उनके व् उनके अभिभावकों के पास सिवाय पछतावे के कुछ नहीं बचा।
इसलिए संस्कारों के आभाव में सफलता भी अक्सर व्यर्थ हो जाती है। पन्नू ने विद्यार्थियों को परिवार, विद्यालय, समाज, राष्ट्र के साथ ईश्वर के प्रति उनकी जि मेदारियों से अवगत करवाया और कहा कि वे इन इकाईओं से स्वामित्व कि भावना से जुड़ें ताकि वे इन सभी अदारो की देख रेख वैसे ही करें जैसे मालिक अपनी किसी स पति की करता है। ये परिवार, विद्यालय, समाज व् देश मेरा है और मैं इसका हूँ। इस सोच के साथ देश को विकसित व् राष्ट्र गुरु बनाने में विद्यार्थी महती भूमिका निभा सकते हैं.।
प्रितपाल सिंह पन्नू ने अपने मु य वक्तव्य में बीच बीच में कहानिआ सुनाकर व् प्र्शन पूछ कर बच्चों को विषय के साथ जोड़े रखा और प्रश्नो के सही उत्तर देने पर पांच विद्यर्थिओं को द एवेनटेरज व मधुबन स्टेशनरी द्वारा स मानित भी किया गया। आज शुरू हुए इस अभियान के एक विशेष हिस्से के रूप में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के विभिन्न हिस्सों पर सर्वेक्षण करना रहा। इसके लिए कुल 17 प्रश्नो पर आधारित एक प्रशन पत्र हर विद्यार्थी को दिया गया। इस सर्वेक्षण पत्र में परिवार, समाज, विद्यालय में विध्यार्थी के दैनिक व्यवहार की जानकारी एकत्रित की गयी ।
अध्यापको से विशेष अनुरोध किया गया कि वे ये सर्वे फॉर्म भरने में विद्यार्थियों की मदद न करें ताकि इन विषयों पर उनके अपने विचार सामने आ सके और उनके व्यक्तित्व की खूबियों व् कमियों के बारे में पता चल सके. इस सर्वेक्षण पत्र की जाँच शिक्षा जगत से जुड़ी हस्तियों की एक टीम करेगी ओर सर्वेक्षण के नतीजों व मुद्दों को सुझाव सहित शिक्षा विभाग, विध्यालयो, अभिभावको व विद्यार्थियों से इस अभियान के समापन के बाद साँझा किया जाएगा। टैगोर बाल निकेतन के प्रिंसिपल व् सहोदय स्कूल का प्लेक्स के प्रधान डॉ राजन ला बा ने इस अभियान को विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास के लिए जरूरी बताते हुए इसकी शुरूआत उनके विद्यालय से करने के लिए निफा का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने राष्ट्र, समाज, विद्यालय व् परिवार को व्यक्ति की जिंदगी के महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा कि देश की बात अभियान में इन चार आदारों के प्रति बच्चों को उनकी जि मेदारी का एहसास करवाने से निसंदेह विद्यार्थी न केवल जि मेदार नागरिक बनेगे बल्कि परिवार के साथ भी उनके अपनत्व में इजाफा होगा। दो माह चलने वाले इस अभियान के पहले दिन आज निफा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष परमिंदर पाल सिंह, संरक्षक रूप नारायण चांदना, अंजू शर्मा, जत्थेदार सुरजीत सिंह दरड़, द एवेनटेरज के निदेशक हरमिंदर सिंह, निफा के जिला अध्यक्ष जितेंदर नरवाल, युवा कार्यकर्ता गुरजंट सिंह, मोहित रोहिला, अभिषेक यादव, विद्यालय के सभी अध्यापक सहित टैगोर स्कूल के विद्यार्थी शामिल हुए।