November 23, 2024

जहाँ एक तरफ देश भर में आज दिवाली बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है वही हरियाणा के करनाल शहर में इस बार कई घरों के लिए यह दिवाली फीकी रहने वाली है ! गौरतलब है कि पिछले डेढ़ महीने में डेंगू ने करनाल में काफी नुकसान पहुँचाया जहाँ डेंगू व संदिग्ध बुखार से इस वर्ष कई लोगों की जान चली गई वही सैंकड़ो लोग अभी भी ऐसे है जो दिवाली पर हस्पतालों व घरों में डेंगू का इलाज करवा रहे है !

वही दूसरी तरफ सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जिला स्वास्थ्य विभाग डेंगू के सही आंकड़े जान बूझकर नहीं जुटा रहा उनके अपने आंकड़ो के हिसाब से तो करनाल में अभी तक 90 के करीब लोगों को ही सिर्फ इस वर्ष डेंगू हुआ है ,ऐसा इसलिए भी है क्योंकि प्रदेश स्तर पर हर साल स्वास्थ्य विभाग डेंगू से निपटने के दावे तो जरूर करता है लेकिन डेंगू आने के बाद वह सब दावे किताबों व अखबारों तक ही सिमट के रह जाते है ,वही केंद्र स्तर पर भी डेंगू को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा क्योंकि जब तक सही आंकड़े सरकार तक नहीं पहुचेंगे तब तक हर वर्ष इसी तरह से लोग डेंगू से बीमार होते रहेंगे !

निजी हस्पताल के संचालक ,डॉक्टर व लैब मालिक मनाएंगे दिवाली धूमधाम से

वही हम आपको बता दे कि पहले भी हम कई बार दिखा व बता चुके है कि करनाल शहर में ऐसे कई लालची डॉक्टर है जो डेंगू आते ही पूरी सेटिंग अपने लेवल पर हर जगह कर लेते है ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीज उनके हस्पतालों में आये ,कई बार तो यह भी सामने देखने को मिला है कि मरीज को एडमिट करने की जरूरत भी नहीं होती अगर डॉक्टर मरीज को सही तरीके से काउंसलिंग कर दवाई व इलाज बता दे तो मरीज घर आराम करकर भी ठीक हो सकता है लेकिन अब डॉक्टर पैसों की लालच में पहले ही मरीज को डरा देते है और सीधा उसे हफ्ते भर के लिए अपने हॉस्पिटल में भर्ती कर लेते है !

करनाल में बड़े बड़े निजी हॉस्पिटल चलाने वाले व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत

वही हम आपको बता दे कि हर साल प्रदेश सरकार निजी हस्पतालों को सख्ती से आदेश देता है कि उनके पास जो भी डेंगू मरीज आये जिसको डेंगू की पुष्टि हो चुकी है उसकी पूरी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को जरूर दी जाए लेकिन निजी हॉस्पिटल चलाने वाले कुछ लालची स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर सभी आंकड़ो को गोलमोल कर देते है और वही नाही स्वास्थ्य विभाग भी निजी हस्पतालो से डेंगू के सही आंकड़े लेने की कोशिश करता है क्योंकि इसमें बदनामी कही न कही स्वास्थ्य विभाग की ही होनी होती है वही आंकड़े छुपाने पर निजी हस्पताल वाले सरकारी अधिकारियों की जेबें भी अच्छी खासी गर्म रखते है !

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