अधीक्षक अभियन्ता ने बुधवार को सैक्टर 12 स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि मीटर रीडिंग में धोखाधड़ी संबंधी मामले में सूचना गत 10 अगस्त को उपमंडल अधिकारी राजीव ढिल्लो को मिली थी। जिस पर गम्भीरतापूर्वक कार्यवाही करते हुए जांच में की गई और शुरूआती जांच में सन्नी और गौरव को गिरफतार किया गया। इनके द्वारा विभाग के ही एक अन्य कर्मचारी राकेश पुत्र शेरसिंह निवासी घीड़ की भी मिलीभगत की बात स्वीकारी गई, जिसके बाद राकेश को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया और उसे उसके लाईनमैन के पद से निलंबित किया गया।
उन्होंने बताया कि उक्त तीनों दोषियों की निशानदेही पर शुरूआती जांच में 6 ऐसे मीटर भी पकड़े गए जिन्हें बाहरी इलैक्ट्रॉनिक यंत्र के द्वारा मीटर में छेडख़ानी करके रीडिंग को नुकसान पहुंचाया गया था। इस कार्य में सुरेन्द्र पुत्र रामस्वरूप जो इलैक्ट्रीशियन का व्यवसाय करता था, वह भी दोषी पाया गया जो इस यंत्र को चलाने में सक्षम था। उन्होंने बताया कि इस मामले में सुरेन्द्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। यह पूरी कार्यवाही हरियाणा बिजली कम्पनियों की सतर्क ता शाखा करनाल के उप-अधीक्षक सतीश वत्स की निगरानी में की गई।
उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में अब तक कुल 12 मीटर पकड़े गए हैं, इन पर 31 लाख 92 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यही नहीं इन 12 बिजली मीटरों से संबंधित लोगों को भी इस एफआईआर में नामजद किया गया है तथा अन्य संदिग्ध मीटरों पर भी कार्यवाही जारी है। इस मौके पर कार्यकारी अभियन्ता धर्म सुहाग, सतर्क ता शाखा करनाल के उप-अधीक्षक सतीश वत्स तथा बिजली वितरण निगम के अधिकारी आरएल काम्बोज उपस्थित रहे।
अधीक्षक अभियन्ता अश्वनी रहेजा ने आम जन से अपील की कि वे इस प्रकार से धोखाधड़ी करवाने वाले गिरोह के चंगुल में न फंसे और न ही अपने बिजली मीटर से किसी भी प्रकार से छेडख़ानी करवाएं। ऐसा करने पर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ बिजली एक्ट 2003 की धारा 138 के तहत कानूनी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि आमजन को अपने बिजली खर्च को नियंत्रित करने के लिए बिजली बचाने के विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए।