डीसी आदित्य दहिया का रात्रि ठहराव खुला दरबार बुजुर्ग महिला फूलवती के लिए सौगात लेकर आया। फूलवती ने सुल्तानपुर में मंगलवार को रात्रि खुले दरबार में डीसी से कहा बेटा मैं बुजुर्ग हूं, मेरे पास कमरा नहीं है, मेरी कोख से बच्चे न होने के कारण पति ने मेरी सहमति से दूसरा विवाह करवा लिया था, अब सारा परिवार इकट्ठा रहता है। मुझे अब अलग एक कमरे की जरूरत महसूस होने लगी है, पति गरीब है वह कमरा बनाने में असमर्थ है।
आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि आप मेरा गांव में ही कोई छोटा सा कमरा सरकार से बनवा दो, बुढ़ापा सम्मान से कट जाएगा। डीसी आदित्य दहिया ने करीब 65 साल की बुजुर्ग महिला फूलवती की बात को गंभीरता से लेते हुए उन्हें कहा कि माता जी चिंता करने की कोई बात नहीं वह पूरी कोशिश करेंगे कि आपके लिए गांव में कमरा बनवाया जाएगा।
उपायुक्त ने बुजुर्ग महिला से पूछा कि इसके अतिरिक्त आपको और कोई दिक्कत तो नहीं, नहीं बेटा मेरा पति भी मेरे साथ आया है और कोई दिक्कत नहीं है। इस बारे में जब बुजुर्ग महिला से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि डीसी ने सारे काम छोड़कर मुझसे बात की और कमरा बनवाने की हामी भरी है। उन्होंने कहा यह खुला दरबार मेरे लिए काफी फायदेमंद रहा है।
डीसी के रात्रि खुले दरबार में ग्रामीणों में काफी उत्साह था। सैंकड़ों लोग डीसी व अन्य अधिकारियों को सुनने के लिए घंटों बैठे रहे। डीसी ने भी रात्रि खुले दरबार में अंतिम व्यक्ति को भी सुना और अंत में अधिकारियेां व ग्रामीणों के साथ पूरे गांव का भ्रमण किया।
गांव की साफ-सफाई और ऊंचे-ऊंचे महलों को देखकर डीसी व एसपी एस.एस. भोरिया ने गांव के सरपंच रमन चौहान को कहा कि ऐसा माहौल तो शहर के सैक्टरों में भी नहीं है। डीसी ने सरपंच से पूछा कि गांव की जनसंख्या कितनी है, सरपंच ने बताया कि करीब 2400 है और वोट भी 1200 के लगभग हैं। गांव में लिंगानुपात भी करीब 1300 है, गांव में बहुत अच्छा भाईचारा है।
सरपंच ने डीसी को बताया कि आपसी समरसता बनाए रखने के लिए गांव के बुजुर्गों ने वर्षों पहले एक मुसलमान परिवार को लोहार का काम करने के लिए अपनी जमीन देकर रखा था, आज वह परिवार काफी बड़ा हो गया है। कोई भी किसी प्रकार का उनके साथ ही नहीं बल्कि अन्य जातियों के साथ छूआछात है, सभी एक साथ बैठकर सुख-दुख में काम करते हैं। गांव में किसी प्रकार का कोई तनाव नहीं है। यह गांव पिछले कई वर्षों से आर्थिक रूप से भी समृद्ध है।