करीब 3 सप्ताह तक भिन्न-भिन्न जगहों का भ्रमण और मौज-मस्ती करनके के बाद आखिर शुक्रवार को स्थानीय बाल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में ग्रीष्मावकाश शिविर का समापन हुआ। विदाई पर जिला बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष एवं उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने एक प्रेरक के नाते प्रतिभागी बच्चों को, अब घर जाकर न केवल होमवर्क करने के लिए कहा, बल्कि शिविर में भाग लेने के प्रमाण पत्र भी वितरित किए। इस मौके पर नगराधीश ईशा काम्बोज, खण्ड़ शिक्षा अधिकारी सपना जैन, जिला बाल कल्याण अधिकारी शिवानी सूद भी तथा जिला खेल अधिकारी अनिल कुमार भी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने बच्चो को समझाया कि समर कैम्प में भाग लेकर जो अच्छी चीजें सीखी हैं, उन्हे अपने जीवन में भी अपनााएं, यानि खेल-कूद, स्वच्छता बनाए रखने के लिए टॉफी के रैपर व पानी की बोतले सडक़ पर ना फैंक कर डस्टबीन में डालनी चाहिएं। कहा कि जिंदगी की कामयाबी के लिए मन लगाकर पढऩा भी जरूरी है। उन्होने कहा कि बाल भवन से जुड़े रहें, यहां के ई-लाईब्रेरी में आकर अच्छी पुस्तकें पढ़े। एक जरूरी बात भी कही, बोले बच्चों के साथ कहीं कुछ गलत हो रहा हो तो 1098 पर फोन करें। बच्चो से संवाद करते हुए पूछा कि अब स्कूल जाने का मन है।़ इस पर कार्यक्रम में उपस्थित तकरीबन सभी बच्चों ने हाथ उठाकर अपनी सहमति दिखाई।
उपायुक्त ने बताया कि बाल भवन में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगा दिए गए हैं, इससे यहां का सुरक्षा तंत्र ओर मजबूत हुआ है तथा संवेदनशीलता भी बढ़ेगी। कोई भी अभिभावक बाल भवन में अपने बच्चों की दिनचर्या को लेकर फुटेज देखना चाहें तो देख सकते हैं। उन्होने कहा कि बाल भवन में अपना बच्चा भेजने के बाद अभिभावक बेफ्रिक रहें।
विदाई कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा दिखाई। डांस करना बच्चों ने कैम्प में ही सीखा। इस दौरान देशभक्ति गीत, राजस्थानी नृत्य और पंजाबी लोक गीत प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। बच्चों के एक्शन और आत्मविश्वास देखते ही बनता था।
इससे पूर्व उपायुक्त ने शिविर के दौरान बच्चो द्वारा बनाई गई कलात्मक वस्तुओं का भी अवलोकन किया। इनमें क्ले मॉडलिंग, डैकोरेटिड व फ्लवार पॉट्स, गिफ्ट बॉक्स तथा नो प्लास्टिक का संदेश देते कागज के कैरी बैग सजाकर रखे गए थे।
जिला बाल कल्याण अधिकारी शिवानी सूद ने उपायुक्त का स्वागत किया। उन्होने बताया कि समर कैम्प में 55 बच्चो ने भाग लिया, इनमें छटी से आठवीं तक के सरकारी व निजी दोनो स्कूलो के बच्चे थे। कैम्प के दौरान प्रतिभागी बच्चो को कर्ण लेक, वाटर पार्क, पुलिस कंट्रोल रूम, जिला जेल तथा शहर के एफ.एम. रेडियो स्टेशन का भ्रमण करवाया। इसके अतिरिक्त बच्चो को कैपिटल सिटी चण्ड़ीगढ का भी भ्रमण करवाया और वहां की सुखना झील व रोज़ गार्डन दिखाया। कैम्प में बच्चो ने डांस, आर्ट व क्राफ्ट का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।