तापमान फिर से 40 के पार जा रहा है, पंखे व कूलर के आगे भी लोगों को पसीना आ रहा है। इस तपती गर्मी में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज की ओपीडी, आईसीयू व ओटी (आपरेशन थियेरटर) के एसी बंद हैं। ऐसे में यहां आने वाले व दाखिल मरीजों की जान पर बन आई है। इसके अलावा, खुद डाक्टर भी परेशान हैं। मजबूरी में डाक्टर आगे की डेट दे रहे हैं और आपरेशनों की संख्या भी आधी रह गई है।
डाक्टरों का कहना है कि बिना एसी के आपरेशन करना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि आरपेशन के दौरान अगर मरीज या फिर डाक्टर को पसीना आया और जख्म में गिरा तो इससे इंफेक्शन फैल सकता है।कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज पर सरकार द्वारा 646 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, लेकिन यहां मरीजों की परेशानी घटने की बजाए बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि पिछले साल ही मेडिकल कालेज में करोड़ों रुपये की लागत से एसी का प्लांट लगाया गया था। पिछले एक सप्ताह से आईसीयू, ओटी के एसी बंद हैं।
सोमवार को ओपीडी के भी एसी बंद हो गए हैं। सोमवार को ओपीडी के डाक्टरों ने कमरों से बाहर बैठकर मरीजों का चेकअप किया। बिना एसी के डाक्टर व मरीज पसीने से तरबतर मिले। नाम न छापने की शर्त पर डाक्टरों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से ओटी व आईसीयू के एसी बंद पड़े हैं, प्रबंधन को बार बार कहने पर भी कोई समाधान नहीं हो रहा है। डाक्टरों का कहना है कि पिछले दिनों कानपूर में बिना एसी के आपेरशन करने के दौरान चार लोगों की इंफेक्शन से मौत हो गई थी। ऐसे में बिना एसी के किसी भी मरीज का आपरेशन करना खतरे से खाली है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि पिछले साल ही लगाए गए एसी आखिरकार इतनी जल्दी खराब कैसे हो गए।
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर ना होन व पूरी दवा ना होने से मरीज परेशान थे तो वहीं अब गर्मी से बेहाल हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में पिछले कई दिनों से एसी खराब हैंं, जिस कारण मरीजों के साथ–साथ डॉक्टरों को भी गर्मी से झुझना पड़ रहा है। हालांकि मेडिकल कॉलेज में पंखे लगे हुए हैं, लेकिन मरीजों की संख्या के आगे वे पंखे भी फेल हो गए हैं। फिलहाल ऑलम यह है कि डॉक्टर अपने कमरों से बाहर निकलकर मरीजों को चेकअप कर रहे हैं तो वहीं मरीज भी लंबी लाइनों में कई घंटों तक चेकअप कराने का इंतजार कर रहे हैं।
बता दें मेडिकल फैकल्टी के लगभग 20 डॉक्टर गर्मी की छुट्टियां मनाने गए हुए हैं। जिस कारण बढ़ती गर्मी में मरीज घंटों लाइनों में खड़े होकर दर्द से तड़प रहे हैं। लेकिन उनके दर्द को देखने वाला कोई नहीं है। सीएम सिटी में मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल होने के बावजूद भी मरीजों को आसानी से इलाज नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी मरीजों को इलाज के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं।
एसी ना चलने पर फर्श पर ही लेट जाते हैं मरीज
एसी ना चलने के कारण मरीजों को गर्मी से झुझना पड़ रहा है। इस लिए मरीजों के परिजन गर्मी से बचने के लिए फर्श पर ही लेट जाती है। क्योंकि फर्श उन्हें ठंडा लगता है। इसी तरह मरीज भी बैड पर लेटा हुआ परेशान हो जाता है। कई मरीजों को कहना है कि कई बार तो इतनी गर्मी बढ़ जाती है कि उन्हें मेडिकल कॉलेज से बाहर बेठकर टाइम पास करना पड़ता है।
2300 तक पहुंची मरीजों की संख्या, चेकअप वाले डॉक्टर करीब 30
बढ़ती गर्मी में मरीजों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ओपीडी में फिलहाल 2300 के आस–पास मरीज चेकअप के लिए आ रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की संख्या उससे बहुत कम है। इस कारण मरीजों को चेकअप के लिए घंटों लाइनों में लगना पड़ता है। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में ओपीडी में 30 से 40 डॉक्टर हैं, तो वहीं 20 के करीब डॉक्टर गर्मी की छुट्टियों पर गए हुए हैं। 13 जून को वापस आ जाएंगे। इसके बाद, 15जून से फैकल्टी के वे डॉक्टर छुट्टियों पर जाएंगे तो पहले नहीं गए थे। इन डॉक्टरों की संख्या लगभग 16 है। ऐसे में मरीजों को लाइन में खड़ा होकर एक महीने तक दर्द झेलना पड़ेगा।
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के एसी की सर्विस की जा रही है। कुछ डॉक्टर समर वेकेशन पर गए हुए हैं, लेकिन बाकि के डॉक्टर दो बजे के बाद भी मरीजों का चेकअप करते हैं। गर्मी के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जल्द ही एसी ठीक कराए जाएंगे।–डॉ. हिमांशु मदान, कार्यवाहक निदेशक, कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज करनाल।