स्थानीय न्याययिक परिसर में इस साल की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायधीश ललित बत्तरा के मार्गदर्शन में किया गया। इस लोक अदालत में सभी तरह के मामले रखे गए, जिनमें वाहन दुर्घटना, बैंक संबंधी ,अपराधिक तथा बीमा कंपनी सम्बन्धी, वैवाहिक एवं पारिवारिक मामले शामिल थे। इस दौरान जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव सूर्यचंद्रकांत ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 13 बैंच बनाए गए थे, जिनमें मोटर वाहन दुर्घटना के लिए इन्श्योरैंस कम्पनी से सम्बन्धित 2 बैंच शामिल थे।
लोक अदालत के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ललित बत्तरा ने बताया कि इस लोक अदालत में कुल 3811 मामलें रखे गए,जिनमें से 952 मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। इस लोक अदालत में रखे गए मामलों से कुल सात करोड़ रूपये से ज्यादा के राजीनामे हुए। इस दौरान मोटर वाहनों के 5 केसों का निपटारा किया गया तथा चैक बाउंस के 170 केस निपटाए गए।
लोक अदालत में वाहन दुर्घटना से सम्बन्धित मामलों में 17 लाख 40 हजार रूपये की राशि कंपनशेशन के रूप में अवार्ड की गई। चेक बाउंस के मामलों में 6 करोड़ 2 लाख 47 हजार 75 रूपए की राशि के केसों को आपसी सहमति से निपटाया गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालत का मकसद न्याय प्रक्रिया में तेजी लाना है जिससे लोगों को सुलभ और सरल तरीके से न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि लोक अदालत मे निर्णय दोनों पक्षों की रजामंदी से किए जाते हैं। इसमें किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं आता और सम्बन्धित पक्षों की आपसी सहमति से हुए फैसलों के दृष्टिगत कहीं अपील-दलील नहीं होती।