करनाल (मालक सिंह) : रविवार का दिन करनाल शहर के आर के पुरम पार्ट 2 के लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। प्रशाशन ने जे सी बी मशीनों से लोगों के आशियानों की नींव को उखाड़ फेंका। हरियाणा के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में इतना बड़ा गड़बड़ जाल कैसे हो गया। लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई से प्लॉट खरीदे, सरकार की तरफ से प्लॉटों की रजिस्ट्रीयां की गई, कई लोगों ने तो इंतकाल भी करवा लिए।
ऐसी कालोनी को अब अवैध बताया जा रहा है। यह कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा तब के जाती है। जब बिल्डर 70 से 90 प्रतिशत प्लाट बेच चुका है। तहसीलों में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है। पिछली सरकारों को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने वाली भाजपा सरकार के राज में तहसीलों में भ्रष्टाचार का नंगा नाच दिन रात चल रहा है। क्या हरियाणा भाजपा सरकार केवल मंत्रियों की ईमानदारी की बात करती है। अफ़सरशाही और सरकारी तंत्र में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकना क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। 2019 में जब लोग घर से वोट देने के निकलेंगे, शायद उनके लिये बहुत सी चीजों के मायने बदल चुके होंगे।
कुछ महीने पहले घरौंडा में रात के समय जमीनों का रेजिस्ट्रेशन होना इसी और इशारा करता है कि दाल में कुछ काला है।
यह मामला मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र का है तो पूरे राज्य की नज़र इस मामले पर बनी हुई है। बीजेपी सरकार ने किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने से अभी तक पूरी तरह परहेज किया है। शायद सरकार को लगता हो कि इस काम के लिये पूर्व सरकारों की नीयत पर हमेशा सवाल उठते रहे है। जिससे हरियाणा भाजपा सरकार बचना चाहती हो।
मानेसर जमीन अधिग्रहण मामले में सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने सख्त संज्ञान लेते हुए कहा है कि किसानों के साथ गलत हुआ है
आर के पुरम पार्ट 2 के प्लॉटों के रेजिस्ट्रेशन की अगर सही से जांच हो तो यह मामला संबंधित दूसरे विभागों के लिए उदाहरण बन जाये, शायद गरीबों के अरमानों से खेलने की स्क्रिप्ट लिखने से पहले ऐसे अधिकारी कई बार सोचें।