हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि जीवन में आगे बढऩे के लिए समपर्ण एवं निष्ठा बेहतर साधन है। हमें राष्ट्र के सम्मान के लिए युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना होगा।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत शुक्रवार को घरौंडा के आर्य सीनियर सकैन्डरी स्कूल में नवनिर्मित वातानुकुलित छात्रावास भवन के लोकार्पण करने उपरांत उपस्थित विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने स्कूल प्रांगण में हवन यज्ञ किया व दीप प्रज्जलवित करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
उन्होंने कहा कि देश का युवा आज पाश्चत्य संस्कृति को अपनाने में अपना गौरव समझता है परन्तु यह राष्ट्र के लिए खतरा है। देश का युवा राष्ट्र की ताकत है यदि युवा भटकता है तो राष्ट्र कमजोर होता है। हमारे ऋषि मुनि और संतों ने प्राचीन समय में राष्ट्र को बचाने का कार्य किया। राष्ट्र को आगे बढ़ाने में व युवाओं को संस्कारवान बनाने में आर्य समाज का अहम योगदान है।
राज्यपाल ने कहा कि हमें सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करके आगे बढऩा है। पर्यावरण को बचाकर देश के लोगों को स्वस्थ बनाना है, जब लोग स्वस्थ होंगे तो विकास संभव है। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी रूचि लेनी चाहिए, खेल हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ शरीर में नई उर्जा पैदा करते है।
स्कूल के सभी विद्यार्थियों को आगे बढऩे के लिए अपने गुरूओं का सम्मान करना चाहिए। स्कूल के निदेशक जगदीश आर्य ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और स्कूल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आर्य सीनियर सकैन्डरी स्कूल में बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नही बल्कि संस्कारवान शिक्षा भी दी जाती है।
उन्होंने कहा कि आर्य स्कूल में पढऩे वाले बच्चों ने मेहनत के बल पर कई उच्च पद हासिल किए है। स्कूल की बोर्ड की परीक्षाओं में परिणाम हर वर्ष शत प्रतिशत आता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के इस स्कूल ने बच्चों को सर्वागीण विकास में अहम योगदान दिया है।
इस अवसर पर मुख्य अध्यापक जितेन्द्र कुमार, डा. राजेन्द्र विद्यालंकार, शिवकुमार आर्य, सुभाष आर्य, महेन्द्र सिंह, कर्मबीर लाठर सहित स्कूल के स्टाफ के सदस्य उपस्थित थे।