हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग के नवोनीत चेयरमैन रामअवतार वाल्मीकि ने कहा कि सफाई कर्मचारियों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में आयोग महत्वपूर्ण कदम उठाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 50 सालों में किसी भी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की स्थिति सुधारने की दिशा में कोई काम नहीं किया।
पहली बार भाजपा सरकार ने सफाई कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहली बार हरियाणा में सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया जाएगा। चेयरमेन रामअवतार करनाल पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले आयोग के सदस्य आजाद सिंह का अभिनंदन किया गया। शहर की विभिन्न संस्थाओ द्वारा चेयरमैन का भी अभिनंदन किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जमीन से जुड़े लोगों को इस आयोग में जगह दी है। वह भी स्वयं जमीन से जुड़े कार्यकर्ता रहे है। इस समय वह अनुसूचित जाति मोर्च के प्रदेशाध्यक्ष है। वह मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ काम कर चुके है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की लगभग सभी मांगों को पूरा किया जा चुका है। ठेका प्रथा सबसे बड़ी समस्या है।
ठेकेदार कर्मचारियों का शोषण करते है। वह 8 घंटे की जगह 16-16 घंटे काम करवाते है और मानदेय भी पूरा नहीं देते। इन विसंगतियों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री से सिफारिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी आयोग काम संभालते ही तेजी से काम शुरू कर देगा। कर्मचारियों का सामाजिक सुरक्षा, बीमा, चिकित्सा सुविधाएं, जीवन रक्षक उपकरण जैसी सुविधाएं दिलाई जाएगी। इस मौके पर सदस्य आजाद सिंह ने कहा कि वह भी खुद सफाई कर्मचारी के बेटे है और उनकी माता स्वयं सफाई कर्मचारी रही है।
इसलिए वह सफाई कर्मचारियों की समस्याएं जानते है। आज भी सफाई कर्मचारी दोयम दर्जे की जिन्दगी जी रहे है। उनका जीवन स्तर सुधारने के लिए जितना काम किया जाएं उतना कम है। इस अवसर पर आदित्य राज, देशराज राणा, अमरजीत कुराल, प्रकाश, आत्म पंचाल, उषा पंचाल, राजेश, नीतिन, पार्षद वीर-विक्रम कुमार, जे.के शर्मा, खुर्शिद आलम के साथ-साथ वाल्मीकि समुदाय के कई लोग मौजूद थे।