करनाल/दीपाली धीमान : कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की प्रबंधक समिति अध्यक्षा डॉ॰ पवित्रा राव , सीईओ मनीष राव और प्रधानाचार्या रूपा गोसाईं के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए किया गया |करनाल जिले के स्कूलों में आरपीएस इंटरनेशनल स्कूल ही पहला ऐसा स्कूल है जिसमें इस तरह के एकेडमिक एग्जीबिशन का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में करनाल की जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुदेश जी का मुख्य अतिथि के तौर पर स्वागत किया गया तथा उनके साथ निर्णय सहायक प्रणाली( डी एस एस ) डॉ दीपक जी भी शामिल रहे ,श्रीमान संजीव जी भी हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से शामिल रहे।
विद्यालय की प्राचार्या ने पुष्पगुच्छ देकर मुख्यातिथि का स्वागत किया | डॉ सुधीर जी तथा डॉक्टर मनोज जी भी अतिथि के तौर पर इस मौके पर उपस्थित रहे। विद्यार्थियों के बहुत सारे अभिभावक भी अतिथि गण के रूप में विद्यमान रहे। इस प्रदर्शनी को आकर्षक बनाने हेतु विद्यार्थी, अभिभावक एवं परिवार के अन्य सदस्य भी इस अवसर पर मौजूद रहे |कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम मुख्यातिथि, माननीय अतिथि गण एवं प्राचार्या जी द्वारा दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ की गई |
श्रीमती रूपा गोसाईं जी ने मुख्यातिथि, अन्य अतिथि गण एवं उपस्थित सभी अभिभावकों का अभिवादन करते हुए कहा कि आज बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है|क्योंकि आरपीएस में हम चाहते हैं कि हर एक विद्यार्थी को मंच प्रदान किया जाए इस अकादमिक प्रदर्शनी में प्रत्येक बच्चे को बोलने और प्रदर्शन करने के लिए एक ही मंच दिया गया, जिससे उनके वक्तृत्व कौशल का विकास हुआ और उनका आत्मविश्वास बढ़ा तथा इसमें जिज्ञासा, रचनात्मकता और ज्ञान है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष, हम आपको सामान्य से आगे बढ़कर आगे बढ़ने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस विचार को अपनाएँ: “दीवारों से परे सोचना।” आज, हम उन विचारों की खोज करते हैं जो सीमाओं को चुनौती देते हैं। और नवाचार को बढ़ावा देते हैं। हमारे छात्रों ने अपने दिल और दिमाग को प्रोजेक्ट दिखाने में समर्पित कर दिया है।
जो न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को उजागर करते हैं, बल्कि आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल को भी उजागर करते हैं।”विचारोत्तेजक विचारों से लेकर व्यावहारिक प्रयोगों तक, प्रत्येक प्रदर्शनी हमारी यात्रा का प्रमाण है। पाठ्यपुस्तकों से परे सीखना, कक्षा से परे प्रेरणादायक शैक्षणिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
आरपीएस इंटरनेशनल स्कूल, करनाल में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों ने विचारोत्तेजक नाटकों के माध्यम से अपनी शैक्षणिक प्रदर्शनी के दौरान दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रत्येक बच्चे को दयालुता, साझा करने, ईमानदारी और स्वच्छता के बारे में शक्तिशाली संदेश देते हुए बोलने का अवसर मिला।
प्रदर्शनों ने प्रदूषण, हमारे ग्रह को बचाने और प्रौद्योगिकी के बुद्धिमानी से उपयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। स्कूल की प्रिंसिपल सुश्री रूपा गोसाईं के मार्गदर्शन में आयोजित यह कार्यक्रम एक शानदार सफलता थी, जिससे दर्शकों को युवा शिक्षार्थियों की रचनात्मकता और जागरूकता से प्रेरणा और गर्व हुआ।
वहीं दूसरी ओर विद्यालय के प्रांगण में विभिन्न शैक्षिक विषयों पर आधारित कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इसके विषय रहे हैं सब्जेक्ट इंटीग्रेशन यूनिफिकेशन सैपरेशन टू यूनिफिकेशन एनर्जी, वेस्ट मैनेजमेंट,वॉटर, साउंड और फायर, होमी लैब लाइफ , एक्सप्रेशन ऑन द सोशल मीडिया एडिक्शन, एक्सपेंशन ऑन द यूनिवर्स, बायो प्रिंटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, वीर गाथा आर ब्रेव हीरोज, समोरिया, गांधी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस “ इलेक्ट्रिक रोड” ए एंड एथिकल आई, हेल्थकेयर यूजिंग ए आई, भारत साइंटिफिक ,मॉडर्न इंडिया,मोनुमेंट्स ऑफ़ इंडिया, यूपीएससी मणिपुर, जम्मू कश्मीर, इजराइल, सी ए ए ,आर्टिकल 370, रूस यूक्रेन, विज्ञान एवं गणित प्रोजेक्ट प्रदर्शनी तथा मेधा सुक्तम के शक्तिशाली मंत्रों ने वातावरण को सकारात्मकता और दिव्य ऊर्जा से भर दिया इन पवित्र श्लोकों के माध्यम से आह्वान किए गए ज्ञान और बुद्धि के आशीर्वाद के द्वारा सभी विद्यार्थियों को ज्ञान और सफलता के मार्ग पर पहुंचाते हुए इस आध्यात्मिक ऊर्जा को आगे बढ़ाया गया।
सम्पूर्ण विद्यालय तालियों की आवाज़ से गूंज उठा| इस अवसर पर मुख्यातिथि ने अपने चंद शब्दों के द्वारा सभी को संबोधित किया | उन्होंने विद्यालय के सम्पूर्ण प्रबंधक कमेटी का हार्दिक धन्यवाद करते हुए कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसने हमें सीमाओं से परे सोचने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित किया है।डीईओ ने कहा कि करनाल में यह पहला स्कूल है जहां छात्रों को 100% वक्तृत्व कौशल मंच और विषयों की विस्तृत जानकारी दी जाती है।
कक्षा 1-5 तक नाटकों और स्किट्स के माध्यम से तथा नर्सरी और केजी में अंग्रेजी को वैश्विक भाषा के रूप में वक्तृत्व कौशल सिखाया जाता है।समय-समय पर विद्यालयों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए |यह शिक्षा के साथ –साथ विद्यार्थियों के अंदर छिपी योग्यताओं को भी निखारता है इस अद्भुत कार्यक्रम की समाप्ति पर प्रधानाचार्या श्रीमती रूपा गोसाईं ने वहां उपस्थित सभी लोगों को इस दिन को सफल बनाने में दिए जाने वाले योगदान पर उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा उन्हें धन्यवाद दिया।