November 22, 2024

करनाल/कीर्ति कथूरिया :   चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बुधवार को दरड़ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा पूजम गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पौधारोपण कर वन महोत्सव मनाया गया।

दरड़ में कृषि विज्ञान केंद्र के सीनियर कॉर्डिनेटर डॉ महा सिंह तथा वैज्ञानिक डॉ विजय कौशिक तथा गाँव के सरपंच सरदार इंद्रजीत सिंह ने पौधे लगाए। सरपंच सहित पंचों व ग्रामीणों ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कार्यक्रम को सफल बनाया। इस कार्यक्रम में लगभग 450 विद्यार्थियों के साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित समस्त स्टाफ ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।

कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल ने वन विभाग हरियाणा के संभागीय वन अधिकारी की मदद से इस कार्यक्रम का आयोजन किया। दरड़ गांव में लगभग 650 पौधे तथा पूजम में 1000 पौधे उपलब्ध करवाये गये, जिन्हें स्कूल के साथ साथ पंचायती जमीन पर भी रोपित किया जाएगा। मुख्य अतिथि डॉ महा सिंह और वैज्ञानिक डॉ विजय कौशिक ने लगाए गए पौधों की देखभाल करने के लिए प्रेरित किया।

मुख्य अतिथि डॉ महा सिंह ने कहा कि हम सब जाने अनजाने बहुत पानी व्यर्थ करते हैं जिसे समय रहते रोकना होगा अन्यथा ज्यादा देरी हो सकती है और उस देरी का खामियाजा भुगतने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं हो पाएगा। कृषि विज्ञान केन्द्र ऊचानी के जिला विस्तार विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार कौशिक ने स्कूल के विद्यार्थियों को पौधों और पानी को हमारे जीवन हेतु अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि पौधों से हमें ऑक्सीजन, छाया, लकड़ी, फल फूल, बारिश इत्यादि बहुत कुछ मिलता है।

पौधों के निरंतर कटाव के कारण वातावरण का सारा सिस्टम बिगड़ गया है और जमीन से पानी के लगातार दोहन से भी पानी के खत्म होने का अंदेशा बहुत बढ़ गया है। अगर ऐसी ही अवस्था रही तो त्राहिमाम मच जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हम अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर उनकी देखभाल करें और जल का सरंक्षण करें। अब देरी से निरर्थ होने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं।

आगे आने वाले 25-30 सालों में पानी की अत्यधिक कमी हो सकती है, इसलिए अब पानी बचाना केवल विकल्प ना होकर मजबूरी बन गया । हम सबको संकल्प लेना होगा की ना पानी को बर्बाद करेंगे और ना किसी अन्य को करने देंगे। क्योंकि अगर इसी गति से धरती के पानी का दोहन करते रहेंगे तो वो दिन दूर नहीं कि हरियाणा भी राजस्थान बन जाएगा।

पानी की बर्बादी को रोकते हुए, प्रयोग हुए पानी को दोबारा प्रयोग में लाना, भूजल को रिचार्ज करना, पानी को व्यर्थ नालियों में ना बहने देना, इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से सोच विचार करके समाधान की तरफ बढऩा होगा। अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे ताकि वर्षा ज्यादा हो सके।

कार्यक्रम में सभी बच्चों को पेड़ पौधे लगाकर उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित भी किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र उचानी के संयोजक डॉ सिंह ने आयोजन के लिए सरपंच दरड़, विद्यालयों के प्रधानाचार्य तथा सफल आयोजन के लिए डॉ कौशिक का भी आभार जताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.