November 22, 2024
पानीपत/भव्या नारंग: भारतीय फार्मास्यूटिकल एसोसिएशन के सहयोग से गीता यूनिवर्सिटी में आयोजित अंतराष्ट्रीय सम्मेलन पहुंचे प्रोफेसर एसएच अंसारी ने कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी दिनचर्या व खान पान हमारा मोटापा बड़ा रहा है। इसे कम करने के दवाइयों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए हमे प्राकृतिक संसाधनों व हर्बल दवाइयों के मध्यम उपचार करना चाहिए।उन्होंने कहा की जड़ी बूटियों के सही उपयोग से वजन की नियंत्रित रखा जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने विभिन जड़ी बूटियों को उल्लेख किया। कार्यक्रम के समापन पर अंतरष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर बतौर वक्ता पहुंचे डा उपेंद्र नागाइच ने फार्मा के क्षेत्र में उद्यमिता के बढ़ते अवसरों की विस्तृत जानकारी दी। छात्रों को अपने आइडिया के ऊपर काम कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया की छात्र अपना उद्योग स्थापित कर समाज में एक पहचान के साथ दूसरों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकते हैं।
गुरु जम्भेश्वर यूनीवसृति से पहुंची प्रोफेसर सुमित्रा सिंह ने बायोएक्टिव संयोजकों के महत्व को बताया और उनके विभिन्न उपयोगों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों से रसायनिक या प्राकृतिक साधनो पर ध्यान केंद्रित कर स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग करने का आह्वान किया। वहीं पतंजलि योगपीठ से पहुंचे डॉ प्रदीप नैन ने जड़ी-बूटी रसायन विज्ञान विषय पर छात्रों को जागरूक किया। उन्होंने कहा की पेड़ – पौधों में औषधीय गुण विधमान होतें है। इनके प्रयोग से दवाइयों के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा विभिन्न विषयों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस मोके पर चांसलर एसपी बंसल, प्रो चांसलर निशांत बंसल, प्रो चांसलर अंकुश बंसल, वाइस चेयरपर्सन नेहा बंसल, कुलपति डॉ विकास सिंह, पीवीसी डा गुलशन चौहान व  प्रिंसिपल डॉ सुनील जावला भी उपस्थित रहे।

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