गीता यूनिवर्सिटी में मधुमखी पालन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशला में छात्रों को मधुमखी पालन के व्यवसाय की बारीक़यों से रूबरू कराया। कार्यक्रम का संचालन एग्रीकल्चर विभाग के अध्यक्ष डॉ युवराज सिंह यादव ने किया।
बतौर मुख्यातिथि पहुंचे मधुमखी पालक विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार ने छात्रों को मधुमक्खी पालन की बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा की हम मधुमक्खी पालन को एक व्यवसाय के रूप में अपना सकते है। खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन फायदे का सौदा है।
एक यूनिट से एक साल में 20 से 25 किलोग्राम तक शहद ले सकते है। एक यूनिट में 60 से 65 दिन में शहद तैयार हो जाता है। मधुमक्खी की यूनिट को गर्मी से बचाने के लिए छाव वाले स्थान पर स्थापित करें।
समय-समय पर मधुमक्खियों के लिए फीडिंग का विशेष ध्यान रखें ताकि शहद भरपूर मात्रा में मिल सकें। इस दौरान डॉ अमित कुमार ने छात्रों को मधुमक्खी पालन में प्रयोग होने वाले जरूरी संसाधनों की भी जानकारी दी।
इस मौके पर डॉ नेहा दहिया, शरणदीप चिम्मा, ज्योति शर्मा व डॉ जगराज सिंह भी उपस्थित रहे