करनाल/कीर्ति कथूरिया : इफको करनाल द्वारा राजकीय उच्च विद्यालय, कम्बोपुरा करनाल में आज एक सामाजिक कल्याण कार्यक्रम का आयोजन कर 35 स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, स्टेशनरी, पेन व ज्यौमेटरी बॉक्स का वितरण किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अध्यापक वीरेंद्र कुमार कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे व प्राथमिक विंग मुख्य अध्यापिका सुनिता शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर विद्यालय के स्टाफ जेबीटी अध्यापक सुरेश पाल व जेबीटी अध्यापक मनिषा कन्डोला भी उपस्थित रहे।
वरिष्ठ क्षेत्र प्रबन्धक, इफको करनाल डा निरंजन सिंह ने बताया की एक सहकारी संस्था होने के नाते हमारी जिम्मेवारी है कि हम कृषक समुदाय की समस्याओं का निदान करने के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व व समाज विकास का कार्य करें, जिसमे हम सामाजिक कार्यक्रमो जैसे मेडिकल कैम्प, पशु चिकित्सा अभियान सहित जिले में अनेकों कार्यक्रम आयोजित करते हैं ।
इसी कडी में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिससे बच्चे पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित हों और उनमें आगे बढऩे की भावनाएं जागृत हों। उन्होने बच्चों को सफाई के प्रति जागरुकता पर बल दिया। उन्होने बताया की फसलों में पैदावार बढ़ाने हेतु खादों का प्रयोग होता है।
यूरिया खाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला खाद है व परंपरागत यूरिया पानी में घुल कर जड़ों द्वारा पौधों को मिलता है। जो यूरिया पौधों को मिल पाता है उसे छोडक़र बाकी बचा हुआ यूरिया पानी मे घुलकर भूमिगत जल में मिल जाता है तथा उसे दूषित करता है।
बाकी बचा हुआ गैस बनकर वायुमंडल में चला जाता है व वायू दूषित करता है व कुछ भाग जो जमीन में पानी के साथ सूख जाता है वह मिट्टी के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
इस समस्या के निदान के लिये इसके विकल्प में इफको द्वारा दुनिया में पहला नैनो तकनीक आधारित नैनो यूरिया तरल बनाया गया है जिससे ये सभी तरह के प्रदूषण से निजात मिल सकेगी। जो छिडक़ाव द्वारा इस्तेमाल होता है। इसके उपयोग से उर्वरक लागत में कमी व अधिक उपज मिलने के साथ-साथ प्रदूषण भी कम होता है।
इसके प्रयोग से अन्य उर्वरकों की उपयोगिता क्षमता एवं उपज क्षमता में बढ़ोतरी के साथ फसल गुणवत्ता में सुधार होता है व इसी कड़ी में नैनो डी ए पी भी किसानो को उपलब्ध हो रहा है । नैनो यूरिया व नैनो डी ए पी का प्रयोग सभी फसलों पर किया जा सकता है।