करनाल/कीर्ति कथूरिया : गांव ककराला में लिंगानुपात कम होने के चलते महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक सर्कल सुपरवाईजर नेहा की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
इस अवसर पर ककराला की एमसी नीलम व वन स्टॉप सेंटर करनाल से काउंसलर यशोदा व आंगनवाडी वर्कर एवं हेल्पर भी मौजूद थी। इस अवसर पर बैठक को संबोधित करते हुए सर्कल सुपरवाईजर नेहा ने कहा कि जिले में लिंगानुपात को लेकर अब लोगों की सोच में बदलाव आया और जागरुकता भी आई है।
इसका नतीजा ये है कि अब साल दर साल लिंगानुपात में सुधार आता जा रहा है और बेटा-बेटी के बीच लिंगानुपात का अंतर कम होता जा रहा है। इस साल 2024 में और ज्यादा सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है। अब लोगों की सोच में बदलाव आने की वजह से लोग बेटा-बेटी में अंतर नहीं मानते।
इसके अलावा सरकार की तरफ से चल रही कन्या सुगम योजना और कन्या समृद्धि आदि योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं को जागरूक करते हुए कहा कि गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेना चाहिए। समय-समय पर अपनी जांच करवानी चाहिए।
इसके साथ ही लिंग परीक्षण पर रोक लगाया जाना भी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बेटियां अब हर क्षेत्र में नाम रोशन कर रही है। कन्या भ्रूण हत्या करना पाप है।
कन्या भ्रूण हत्या करने पर सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। इस अवसर पर महिलाओं को भ्रूण हत्या की रोकथाम को लेकर शपथ भी दिलाई गई। मीटिंग मे 35 महिलाएं, किशोरिया 15 बच्चे शामिल हुए।