- पेंशन के रुपए देने के नाम पर Online धोखाधड़ी करने वाली 4 महिला सहित आठ आरोपी गिरफ्तार
- 2 साल में अलग-अलग राज्यों के करीब 80 व्यक्तियों को बना चुके है ठगी का शिकार
- आरोपियों के कब्जे से पांच हजार रुपए नगद और एक मोबाइल सिम सहित किया बरामद
- सभी आरोपी पिछले दो साल में अलग-अलग राज्यों के करीब 80 व्यक्तियों को बना चुके है ठगी का शिकार
जिला पुलिस करनाल के थाना साइबर की टीम के हाथों पुलिस अधीक्षक श्री शशांक कुमार सावन के कुशल मार्गदर्शन में बढ़ी कामयाबी लगी है। थाना साइबर की टीम द्वारा प्रबंधक थाना निरीक्षक श्री राजीव मिगलानी के नेतृत्व में और एएसआई मुकेश कुमार की अध्यक्षता में दिनाक 22 जनवरी को ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन आरोपी हेमंत पुत्र राजपाल वासी सेक्टर 87, नोएडा उत्तरप्रदेश, प्रवीण कुमार पुत्र यशपाल वासी छोटी उकावली अलीगढ़ उत्तरप्रदेश और शशिभूषण तिवारी पुत्र हेमंत तिवारी वासी हाजीपुर सेक्टर 104, गौतमबुद्ध नगर उत्तरप्रदेश को गिरफ्तार किया गया था। जोकि आरोपी शशिभूषण को पेश न्यायालय कर ज्यूडिशियल भेजा गया और आरोपी हेमंत और प्रवीण को रिमांड पर लिया गया था।
रिमांड के दौरान आरोपी हेमंत की निशानदेही पर उससे पांच हजार नगद रुपए और सिम सहित एक मोबाइल बरामद किया गया। पूछताछ में आरोपी हेमंत और प्रवीण ने बताया कि वे अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर पिछले दो साल से ऑनलाइन ठगी का यह काम कर रहे है। जिसमें वे अब तक देश के अलग-अलग हिस्सों से करीब 80 व्यक्तियों को अपना शिकार बना चुके है।
सभी आरोपी एक टीम के तौर पर मिलकर यह काम करते है। दोनों आरोपियों को पेश न्यायालय कर न्यायिक हिरासत भेज दिया गया था। दोनों आरोपियों की निशानदेही पर ही उनके अन्य पांच सह आरोपी मिनाक्षी पुत्री नितीश, स्वाती पत्नी नितीश, प्रिया पुत्री मनोज, तरुण पुत्र उदयवीर और ज्योति पुत्री विनोद वासियान खिचड़ीपुर एरिया थाना कल्याणपुरी दिल्ली को खिचड़ीपुर से इनके ऑफिस से गिरफ्तार किया गया।
सभी पांच आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में पाया गया कि वे पिछले कुछ समय से प्रतिदिन अलग-अलग व्यक्तियों पर कॉल करके उनको अपना शिकार बनाते है। सभी आरोपियों को पेश न्यायालय कर न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है।
इस मामले में शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार वासी वजीर चंद कॉलोनी करनाल ने शिकायत दी थी कि वह सन 2010 में सिविल सर्जन के पद से रिटायर हुआ था और GPF के पैसे उसे मिल गए थे लेकिन उसे उसके नौकरी के दौरान GIS ग्रुप बीमा स्कीम के तहत कटे हुए रुपए नहीं मिले थे। जोकि दिनाक 30 दिसंबर 2023 को उसके पास नई दिल्ली EPF ऑफिस के नाम से फोन आया और बोले की आपका GIS स्कीम का पैसा आपके खाते में भेजा जाएगा जिसके लिए आपको रिफंडेबल सिक्योरिटी के रूप में कुछ पैसे जमा कराने पड़ेंगे जोकि बाद में रिफंड हो जाएंगे।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने आरोपियों के बिछाए हुए जाल में फसते हुए उनके कहने पर अलग-अलग तरीकों में अलग-अलग बैंक खातों में करीब तीन लाख अस्सी हजार रुपए जमा करवा दिए। जिसके बाद आरोपियों द्वारा कोई पैसा शिकायतकर्ता के खाते में नहीं डाला गया। और उसे एहसास हुआ कि वह ठगा जा चुका है। शिकायत के आधार पर नामालूम आरोपियों के खिलाफ दिनाक 12 जनवरी 2024 को थाना साइबर करनाल में धोखाधड़ी होने पर आईपीसी की धारा 120ब, 420 के तहत मुकदमा नंबर 7 दर्ज किया गया था।