मॉकड्रिल के दौरान कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों और पैरामेडिकल की टीम मुस्तैद रही। भूकंप की सूचना के बाद कॉलेज का ओपीडी ब्लॉक, आईपीडी ब्लॉक, इमरजेंसी ब्लॉक को खाली करवाया गया और सभी रोगियों को बाहर बने टेंट में स्थानातंरित किया गया। डॉक्टरों के दल ने सभी मरीजों का चेकअप किया। इस मॉकड्रिल में मेडिकल कॉलेज में 23 मृतक व 43 घायल दिखाए गए। पुलिस महानिरीक्षक सुभाष यादव , डीसी डा०आदित्य दहिया व पुलिस अधीक्षक जे.एस रंधावा ने मैडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना।
वीरवार को प्रदेशव्यापी मॉकड्रिल का आयोजन करवाया गया। करनाल में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज को भी प्रशिक्षण स्थल बनाया गया था। इस स्थल के नोडल अधिकारी एसडीएम करनाल नरेंद्र पाल मलिक थे। उन्होंने बताया कि कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में भूकं प से होनी वाली दुर्घटना का जैसे ही पता चला तो वह कॉलेज पहुंचे। उन्होंने पीडि़त लोगों के ईलाज के लिए डॉक्टरों से सम्पर्क किया। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के निदेशक डा०सुरेन्द्र कश्यप की टीम ने मुस्तैदी दिखाते हुए तुरंत व्यवस्था संभाली,कर्ण गेट में हुई काल्पनिक त्रासदी से सबसे पहले मृतक आने आरम्भ हो गए।
डॉक्टर कश्यप ने अपनी पूरी टीम को हर संभव मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए तैयार किया। इतना ही नहीं ऐसी अवस्था में रक्त की जरूरत पड़ती है, तुरंत मेडिकल कॉलेज परिसर में ही रक्तदान शिविर लगाया गया ताकि कोई भी घायल व्यक्ति रक्त की कमी से ना मरे। जैसे ही आमजनता को भूकंप की जानकारी का पता लगा तो घायलों की जानकारी लेने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचने लगे।
आई जी सुभाष यादव ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घायलों का हाल-चाल जाना और व्यवस्था का जायजा लिया। जैसे ही पूरे जिले में हुए भूकंप की त्रासदी को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त डा०आदित्य दहिया व पुलिस अधीक्षक जे.एस रंधावा ने मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और डॉक्टरों की टीम से घायलों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। डॉक्टरों ने बताया कि प्रात: 11 बजे तक भूकंप की काल्पनिक त्रासदी में 23 लोगों की मृत्यु हुई है और 43 लोग घायल हुए है
सभी की पहचान कर ,उनका पंचनामा करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गंभीर घायलों के लिए लाल रंग,मध्यम घायलों के लिए पीला रंग व कम घायलों के लिए हरे रंग की पट्टी बांधी गई है ताकि ईलाज के समय घायलों की सही प्रकार से पहचान हो सके। अधिकारियों की टीम ने शव गृह में जाकर मृतकों की पहचान के बारे में पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली। इस बारे में एसएचओ सदर मनोज कुमार ने डीसी व एसपी को विस्तार से जानकारी दी।