करनाल के गांधी नगर में मोबाइल की बैटरी फटने से चार वर्षीय बच्ची घायल हो गई ! जिसके बाद परिजनों ने बच्ची को निजी अस्पताल में दाखिल करवाया, इस हादसे में बच्ची के हाथ व सिर में चोट आई हैं, परिजनों ने इस घटना की शिकायत मोबाइल फोन कंपनी के शोरूम में की तो उन्होंने भी कोई रास्ता नहीं दिया !
घटना मंगलवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे की है ! करनाल के राम नगर इलाके के नजदीक स्तीथ गांधी नगर की गली नंबर चार निवासी सुरेश कुमार ने अपना रेड मी का फोन चार्जिंग पर लगाया हुआ था, चार वर्षीय बच्ची अंशिका ने फोन से गेम खेलना शुरू कर दिया ! सुरेश ने बताया अंशिका के फोन उठाने के कुछ पल में ही मोबाइल से स्पार्किंग हुई और बैटरी फट गई ! मोबाइल की बैटरी फट जाने से बच्ची के दाहिने हाथ में काफी चोट आई हैं और सिर पर भी गहरा जख्म हो गया ! परिजन उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए ,जहां पर चिकित्सकों ने उसको प्राथमिक उपचार दिया ! इस हादसे में गनीमत यह रही कि बच्ची का चेहरा झुलसने से बच गया, अंशिका के पिता सुरेश ने बताया कि संबंधित कंपनी के अधिकारी भी अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं !
हम क्यों छोटे बच्चों को डाल रहे है मोबाईल की बुरी आदत
आजकल के माँ बाप अपने व्यस्तम दिनचर्या में बच्चों को समय नहीं दे पाते और अगर बच्चा रोता है तो उसके हाथ में फ़ोन पकड़ा दिया जाता है ,बस तभी से शुरू होती है बच्चों को यह बुरी आदत ! फिर क्या बस उसके बाद हम हम समझने लगते है की हमारा बच्चा बहुत एक्टिव है वह सभी मोबाईल के फंक्शन खोल लेता है जो हम भी खोल नहीं पाते ! लेकिन तब हम यह भूल जाते है की बच्चों पर इस मोबाईल का कितना बुरा असर पड़ता है ,एक सर्वे के मुताबिक बच्चो में बढ़ रहा मोबाईल का क्रेज आने वाले समय में उन्हें फिजिकली व मेंटली वीक बना देता है !
एक समय था जब बच्चे खेल कूद जैसे छुपन छुपाई ,गली में क्रिकेट ,धपा आदि खेल खेला करते थे लेकिन अब वह सब खेल न जाने कहाँ चले गए है ,अब बच्चे स्कूल के बाद टूशन जाते है और आते ही घर में बैठ माँ बाप का मोबाईल फोन उठा उसमे लगे रहते है जिसका उनके दिमाग व आँखों पर बड़ा बुरा असर पड़ता है जिसके रिजल्ट्स सालों बाद सामने आने लगते है ,वह बच्चा पूरी तरह से चुस्त तंदरुस्त नहीं बनता है ! हमें इस तरफ ध्यान देने की जरुरत है अगर हमने अपने बच्चों को सभी तरह से फिट रखना है तो !