करनाल/समृद्धि पाराशर: आज पर्यावरण संरक्षण समिति पंजीकृत करनाल द्वारा सेक्टर-13, में एक विशेष मीटिग करके जल संरक्षण के उपायों का जायजा लिया गया। समिति सदस्यों ने बताया कि भले ही सरकार ने जल संरक्षण के लिए गांव में तालाब बनवाना, शहरों में जल रिर्चाजिंग प्लांट बनवाना और जल के दुरपयोग को रोकने के लिए कई स्कीमें बनाई हैं लेकिन उनकी मॉनटीरिंग ठीक ना होने के कारण वह कारगर सिद्ध नहीं हो रही हैं।
अधिकतर गांव में तालाबों का निर्माण ही नहीं हुआ है और उसके लिए सरपंच एवं बीडीओ की जिम्मेवारी लगाई जाए और इनकी प्रगति रिर्पोट ली जाए तभी यह स्कीम लागु हो पायेगी। शहरों में वाटर रिर्चाजिंग प्लांट या तो बने ही नहीं हैं और जहां कहीं बने भी हैं तो वह बंद पड़े हैं और उनमें मलबा भरा पड़ा है। इन वॉटर रिचार्जिग प्लांट में पानी रिचार्ज कैसे हो सकेगा।
अत: हुड्डा अधिकारियों एवं नगर निगम अधिकारियों की जिम्मेवारी लगाई जाए और उनसे एक महीने में इन की सफाई करवाकर इन वॉटर रिर्चाजिंग प्लांट को चालु करवाने की रिर्पोट ली जाए जहां तक पानी के दुरपयोग का प्रश्र उठता है, आजकल पानी का दुरपयोग बहुत हो रहा है लेकिन प्रशासन द्वारा उसे रोकने के ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
वरिष्ठ उप-प्रधान राम रतन अत्री ने बताया कि सैक्टरो में अक्सर देखा जा सकता है कि सुबह 7 से 9 बजे तक लोग रोज पाईप लगाकर गाडिय़ों की धुलाई करते हैं और सफाई वाली घरों में पाईप लगाकर रैम्प की धुलाई करती हैं। इस प्रकार पानी व्यर्थ में चलता रहता है और बर्बाद हो रहा है। अत: हुड्डा एक्सियन एवं एसडीओ की जिम्मेवारी लगाई जाए कि वे सुबह पानी की सप्लाई के समय सेक्टरों में राउंड लगाएं और पानी के दुरुपयोग को रूकवाया जाए।
विशेषकर गर्मियों में पानी का दूहन बहुत हो रहा है लेकिन रोकने के उपाय ना के बराबर हैं। अत: आजकल पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों से इस बारे में प्रगति रिर्पोट ली जाए, तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है।
पर्यावरण संरक्षण समिति उपरोक्त सम्बन्धित अधिकारियों से अनुरोध करती है कि जल को संरक्षित करने के लिए इस प्रकार सुझाए गए ठोस कदम उठाए जाएं तभी भूजल के स्तर में सूधार हो सकता है।
इस अवसर पर मीटिंग में समिति चीफ पैट्रन कंवल भसीन, वरिष्ठ उप-प्रधान राम रतन अत्री, प्रधान एस.डी. अरोड़ा, डॉ. पुष्पा सिन्हा, शशी आर्या, ईश्वर छाबड़ा, महासचिव के. एल. नारंग, लै. कर्नल बी.डी. खुराना, डॉ. एस.के. शर्मा, अर्जुन देव वर्मा, एच.डी. कथूरिया आदि सदस्यों ने भाग लिया।