करनाल – बहन ने दिखाया रास्ता, पिता बने प्रेरणा, करनाल के रहने वाले परमवीर ने छुआ आसमां, महज 18 वर्ष की आयु में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल की, कनाडा में बी.बी.ए. की पढ़ाई करेगे परमवीर, कनाडा की नम्बर-1 रैंकिंग और विश्व में 17वी रैंकिंग प्राप्त यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल की है। परमवीर ने देश व प्रदेश का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है।
पिता के पद चिन्हों पर चलकर मॉडल टाऊन के रहने वाले परमवीर ने आसमां छू लिया। महज 18 वर्ष की उम्र में परमवीर ने कनाडा की नम्बर-1 रैंकिंग और विश्व में 17वी रैंकिंग प्राप्त यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो से 2 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल की है। परमवीर ने देश व प्रदेश का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है। परिजनों की मानें तो परमवीर प्रदेश का पहला विद्यार्थी है जिसे अभी तक यह स्कॉलरशिप मिली है।
परमवीर की इस सफलता में उसके पिता प्रीतपाल सिंह पन्नू का अहम रोल है। उनसे प्रेरणा लेकर ही परमवीर पढ़ाई के साथ-साथ समाजसेवा के कार्यों में जुड़ा। समाजसेवा व पढ़ाई में अव्वल अंक प्राप्त करने पर परमवीर को कनाडा की टोरंटो यूनिवर्सिटी ने स्कॉलरशिप के लिए चुना है।
परमवीर ने सैट परीक्षा में 1600 में से 1530 अंक प्राप्त कर विश्व के टॉप 1 प्रतिशत प्रतिभागियों में अपना स्थान बनाया था। इसके साथ ही उसने आई लैट्स में भी 8 बैंड प्राप्त किए हैं। अब वह 28 अगस्त को कनाडा के लिए रवाना होगा और वहां बी.बी.ए की पढ़ाई कर एक सफल बिजनेंसमैन बनेगा।
स्कूल से भी मिली एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा, परमवीर ने बताया कि उसने बचपन से ही शहर के निजी स्कूल में अपनी पढ़ाई की है। 10वीं कक्षा में उसने 92 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे और 12वीं कक्षा में 95 प्रतिशत हासिल किए हैं। परमवीर को फुटबॉल खेलना अधिक पसंद है। स्कूल में उन्हें एक अच्छा इंसान बनने और समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
वहीं उसके पिता प्रीतपाल सिंह पन्नू की भी एक सामाजिक संस्था है उसके माध्यम से दिन रात समाज सेवा करते हैं। उन्हीं से वह प्रभावित हुआ और उसने भी समाज सेवा करने की ठान ली, वैबिनार का विश्व रिकॉर्ड आया काम, स्कॉलरशिप हासिल करने में वैबिनार का विश्व रिकॉर्ड काम आया।
परमवीर ने बताया कि कोरोना कॉल में वह निफा के साथ मिलकर लोगों को खाना व राशन वितरित करता था। इसके साथ ही उसने नशे व बाल शोषण को लेकर एक वैबिनार 2021 में किया था जो सबसे लंबा 22 घंटे चला था। जो विश्व विकॉर्ड भी बन गया। इसके साथ ही झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को भी वह पढ़ाता था। साथ ही उसने स्पीक अप फ्रेंस के नाम से एक अभियान भी चलाया था।
पिता प्रीतपाल सिंह पन्नू ने बताया कि परमवीर सिंह ने सैट परीक्षा में 1600 में से 1530 अंक प्राप्त कर अपना स्थान पक्का किया है। 12वीं परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले परमवीर सिंह का समाज सेवा में भी विशेष योगदान रहा है। कोरोना काल में भी सेवा कार्य करने वाले परमवीर सिंह ने बाल शोषण व नशाखोरी के खिलाफ 22 घंटे लंबे वैबिनार का भी आयोजन किया था।
जिसे वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन में शामिल किया गया था। परमवीर स्कूल की ओर से फुटबॉल का खिलाड़ी भी रहा है। इन्हीं सब उपलब्धियों को देखते हुए परमवीर का विश्व की इस बेहद प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप के लिए चयन किया गया है।