- जिला में एल.पी.जी. मशीनो से दाह संस्कार की सुविधा,
- घरौंडा के बाद तरावड़ी व असंध के शमशान घाटों में मशीनो की हुई स्थापना,
- कोविड मरीजो का मशीनो से ही दाह संस्कार करने की अपील-जिला नगर आयुक्त विक्रम।
- जिला नगर आयुक्त के नगर पालिका सचिवों को निर्देश,
- म्यूनिसिपल एरिया व सार्वजनिक स्थानो को रेगुलर करें सेनेटाईज़।
जिला में एल.पी.जी. मशीनो से दाह संस्कार की शुरूआत हो गई है। शहरी निकाय विभाग की ओर से इस तरह की मशीने तरावड़ी व असंध के शमशान घाट में स्थापित करवाई गई हैं, जबकि घरौंडा में तो महीनाभर पहले ऐसी मशीन की स्थापना हो गई थी और उसमें कोविड के दो शवों का दाह भी किया जा चुका है। असंध में भी इस मशीन से एक कोविड महिला का दाह संस्कार भी किया गया है। फिलहाल यह सुविधा कोविड मरीजो के दाह संस्कार के लिए रहेगी।
जिला नगर आयुक्त विक्रम ने बताया कि अर्बन लोकल बॉडी द्वारा प्रदेशभर में इस तरह की मशीनो की स्थापना के लिए टैण्डर लगाया गया था, उसी आधार पर शमशान घाटों में मशीने लगाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि शव के दाह के लिए मशीन में एल.पी.जी. सिलेण्डरों का प्रयोग होता है, एक शव को दाह करने में करीब एक से डेढ घण्टा लग जाता है। इस सुविधा से वातावरण प्रदूषित नहीं होता और लकडिय़ों की भी बचत होती है। उन्होंने बताया कि असंध में नगर पालिका की ओर से कोविड के शव को शमशान घाट तक ले जाने के लिए एक एम्बूलेंस वाहन को भी लगाया गया है। निसिंग नगर पालिका में दाह संस्कार के लिए एल.पी.जी. मशीन की स्थापना का काम चल रहा है।
उन्होंने नागरिकों से अपील करते कहा है कि कोरोना महामारी से ग्रस्त व्यक्ति के ईलाज के लिए जिला के सरकारी व प्राईवेट अस्पतालों में सुविधाएं जुटाई गई हैं। फिर भी यदि कोई व्यक्ति ईलाज के बावजूद भी कोरोना से हारकर जान गवां देता है, तो उसके दाह संस्कार के लिए लकडिय़ों की बजाए मशीनो से करने को प्राथमिकता दें। दाह संस्कार के लिए रोजाना लकडिय़ों का प्रयोग हो रहा है, मशीनो से इनकी खपत कम होगी।
आयुक्त ने बताया कि सभी नगर पालिका सचिवो को निर्देश दिए गए हैं कि म्यूनिसिपल एरिया और सार्वजनिक स्थानो को अच्छी तरह से सेनेटाईज करते रहें, ताकि कोरोना वायरस का फैलाव ना हो। तरावड़ी में सेनेटाईज़ करने वाली 2 मशीने हस्त चालित हैं और 2 मशीन ऑप्रेटिड हैं। उन्होंने बताया कि नगर पालिका क्षेत्रों में पब्लिक और प्राईवेट एरिया, बैंक, धर्मशालाएं, मार्किट और जहां-जहां से डिमांड आती है, उन जगहों को भी सेनेटाईज़ करवाया जा रहा है।