- करनाल में 116 साल बाद कोरोना महामारी के चलते रावण व कुंभकर्ण व मेघनाथ का नहीं होगा दहन ,देखें पूरी खबर
- रामलीला सभा करनाल ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए लिया फैसला ,सेक्टर 16 में नहीं मनेगा इस बार दसहरा
- रामलीला सभा रस्म अदायगी के लिए 9 दिन रोजाना सुबह से शाम तक श्री हनुमान चालीसा और मंचन के समय पर श्री सुंदरकांड पाठ करेगी
करनाल दिवाली से पहले साल का सबसे बड़ा त्योहार दशहरा कोरोना महामारी के चलते 116 साल बाद रावण का दहन लोगों को देखने के लिए नहीं मिलेगा। शहर में पहली बार ऐसा होगा की दशहरा पर रावण के दहन न होने से त्योहार फीका रहेगा। करनाल में हर साल दशहरा मनाने वाली श्री रामलीला सभा रेलवे रोड की ओर से कोरोना महामारी के चलते लोगों की सुरक्षा देखते हुए इस बार दशहरा मनाने न मनाने का निर्णय लिया है ।
श्री राम लीला सभा के महासचिव गौरव गर्ग ने बताया कि प्रशासन की ओर से 50 से 100 व्यक्तियों को केवल बुलाने की अनुमति लिखित में जिम्मेदारी लेने के लिए कहा था। लेकिन रावण दहन करते समय करीब 25 से 30 हजार लाेग पहुंचतें हैं। दशहरे के समय लोगों को काबू करना मुश्किल होता है। इसलिए दशहरा नहीं मनाया जाएगा।
सभा की ओर से इस बार रस्म अदायगी के लिए 9 दिन रोजाना सुबह से शाम तक श्री हनुमान चालीसा और मंचन के समय पर श्री सुंदरकांड पाठ करने का निर्णय लिया गया है। आयोजकों की ओर से सभी से अपील की है कि वे घर में भगवान की पूजा करे।
– दशहरे से पांच दिन पहले बाजार में निकलती थी शोभा यात्राएं
इस बार स्थगित दशहरे पर्व से पांच दिन पहले बाजार में शोभा यात्राएं निकलती थी। इस बार स्थगित कर दी गई है, सभा ने बताया कि शोभा यात्रा में पहले श्री राम का जन्म, सीता जन्म, देवी पंखा जो मुस्लिम व हिदुं एकता का प्रतीक मनाना जाता है। श्री राम की बरात बैंड बाजे के साथ निकलती थी। उसके बाद दशमी महोत्सव की तैयारी। व्रत मिलाप चौड़ा बाजार से सर्राफा बाजार तक होता था। दशहर के पिछले साल सेक्टर-3 हाईवे पर आयोजित किया गया।
– 1904 से श्री रामलीला सभा करती आ रही आयोजन
श्री रामलीला सभा के सदस्य गौरव गर्ग ने बताया कि 1904 से चौड़ा बाजार में रावण का दहन करने का कार्य शुरु किया था। जो पूर्वजों की ओर से किया जाता था। पिछले साल 90-90 फुट के मेघनाथ व कुंभकर्ण बनाए गए थे। 110 फुट का रावण बनाया गया था। उन्होंने बताया कि दशहरे पर पुतले बनाने यूपी से आने वाले कारीगरों द्वारा दो से तीन माह पहले ही बुकिंग कर ली जाती थी। इस बार कोरोना के चलते कोई तैयारियां नहीं की गई है।
एक सप्ताह से पहले प्रशासन की ओर से दशहरा पर्व को लेकर मीटिंग ली गई थी। मीटिंग में फिलाहल दशहरा महोत्सव को लेकर प्रतिबंध लगाया गया था। अभी प्रशासन द्वारा गाइलाइन आना बाकी है इसके बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।
-विजया मलिक, नगराधीश, करनाल।