आलू प्रोद्यौगिक केन्द्र शामगढ़ में कार्यरत उद्यान विभाग के उपनिदेशक एसके यादव ने बताया कि आलू की नई किस्म सी-28 की केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (भारतीय कृृपि अनुसंधान परिषद )शिमला द्वारा सिफारिश की गई है । इस किस्म (सी-28) के ट्रायल पूरे देश में कई जगहों पर किए गए हैं । इस किस्म की सिफारिश से उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादकों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा। इस किस्म के बीज भी आने वाले 2-3 वर्पों में आलू उत्पादकों को उपलब्ध करवाये जायेंगें।
उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग, हरियाणा के आलू प्रोद्यौगिकी केन्द्र शामगढ़ करनाल में भी इस किस्म के ट्रायल पिछले 4-5 वर्पों से किए जा रहे थे। यह क्लोन सीआईपी 4054 अन्र्तराष्ट्रीय आलू संस्था लोलैंड पोटेटो लीडर एशिया के डा0 एम0एस0 कादियान के प्रयासों द्वारा इस किस्म की सिफारिश की गई है । उनके द्वारा ही भारत के विभिन्न स्थानों पर इस क्लोन के ट्रायल किये गये तथा इस किस्म की केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला द्वारा सिफारिश की गई है । यह किस्म अधिक तापमान पर सहनशील है । इस प्रजाति की वानस्पतिक वृृद्वि भी काफी अच्छी है । इसके कन्दों का आकार काफी आकर्षित है एवं झूलसा रोग के प्रतिरोधित हैं