- यशवंत महाजन ने ऑल इंडिया में 452वां रेंक प्राप्त की।
- सफलता का परचम फहराया जेइइ-मेंस की परीक्षा में जेनिसस क्लासिस के विद्यार्थियों ने
- 100 से अधिक बच्चे जेइइ-एडवांस की परीक्षा के लिए क्वालिफाई किया।
करनाल। देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए ली जाने वाली जेइइ-मेंस का परीक्षा परिणाम आज घोषित किया गया। जिसमें करनाल के जेनिसिस क्लासिस के विद्यार्थियों ने सफलता का परचम फहराया। जेनिसिस क्लासिस के विद्यार्थी यशवंत महाजन ने 99.96 परसेंटाईल अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया 452रेंक हासिल की। इस संस्थान के 100 से अधिक छात्र-छात्राआंे ने जेइइ-एडवांस के लिए क्लालिफाई किया।
इसी के साथ इन विद्यार्थियों में से कई विद्यार्थियों ने 99 परसेंटाइल से अधिक प्राप्त किए। इस बार परीक्षा परिणाम में जेनिसिस की टीम की मेहनत और समपर्ण का असर दिखाई दिया। जानकारी देते हुए जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र सिंह अहलावत और नवनीत कल्हण ने बताया कि कोरना काल के बावजूद भी उनकी टीम विद्यार्थियों के लगातार संपर्क में रही। ऑनलाईन पढ़ाई के माध्यम से उनकों लगातार पढ़ाया जाता था। जिसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने बच्चों का हौसला नहीं टूटने दिया। यही कारण है कि प्रतिकुल परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन किया।
पिछले 12 सालों से जेनिसिस क्लासिस विद्यार्थियों और अभिभावकों के सपने पूरे करने के लिए लगातार परिश्रम कर रही है। इस अवधि में इस संस्थान ने शहर को एम्स, आईआईटी, एनआईटी और देश जाने-माने मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों के प्रवेश के सपने को पूरा किया। इस संस्थान के सैकड़ों विद्यार्थियों ने इन प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश पाने के लिए सफलता अर्जित की।
आज इस सस्थान के विद्यार्थी माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसे सस्थानों में बेहतर और प्रतिष्ठित पैकेज ले रहे। जेनिसिस क्लासिस के विद्यार्थियों ने माना कि टीचर्स का लगातार संपर्क और उनकी प्रेरणा ने उनका हौसला नहीं टूटने दिया। यही कारण रहा कि उन्होंने सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए। अपनी सफलता का श्रेय टीचर्स का देते हुए जेइइ-मेंस में ऑल इंडिया 452 रेंक हासिल करने वाले यशवंत महाजन ने बताया कि उसने 99.96 परसेंटाईल प्राप्त किए।
उसके पिता विनीत कुमार कांट्रेक्टर है। उसकी माता दीपिका महाजन हाउसवाईफ है। वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनाना चाहता है। उसने अपनी सफलता का श्रेय टीचर्स को दिया। इसी तरह अध्यापक के पुत्र हार्दिक अरोड़ा ने बताया कि उसने 99.56 परसेंटाईल प्राप्त की। उसकी जेइइ-मेंस मे ऑल इंडिया रेंक 4910 है। उसके माता-पिता अध्यापक है। वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनाना चाहता है।
उसने अपनी सफलता का श्रेय अध्यापकों देते हुए कहा कि यहां के टीचर्स काफी फ्रेंडली रहे और उन्होंने हमेशा मोटिवेट किया। टीचर्स ने कोरना काल में भी साथ नहीं छोड़ा। अंश गुप्ता जिसने जेइइ-मेंस में 99.72 परसेंटाईल प्राप्त की। उसकी ऑल इंडिया रेंक 3156 रही। उसकी माता आरती गुप्ता टीचर है। वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनना चाहता है।
उसने अपनी सफलता के पीछे टीचर्स का लगातार संपर्क और मोटिवेशन का श्रेय दिया। अर्ची ने बताया कि जेइइ-मेंस में 98.9 परसेंटाईल अंक प्राप्त किए। उसकी ऑल इंडिया रेंक 11955 रही। अब वह कम्प्यूटर इंजीनियर बनने के लिए आईआईटी में प्रवेश हेतु एडवांस परीक्षा की तैयारी करेगी।
उसके पिता नरेंद्र कुमार किसान है तथा माता शालु रहेजा टीचर है। सैम्यूल जिसने जेइइ-मेंस परीक्षा में 99.11 परसेंटाइल अंक प्राप्त किए उसकी ऑल इंउिया रेंक 9913 रही। वह भी कम्प्यूटर इंजीनियिर बनाना चाहता है। उसके पिता और माता ने भी सहयोग किया।