- पशु किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण एक सप्ताह में देना सुनिश्चित करें बैंकर्स,
- आवेदनों को रिजेक्ट न करें बल्कि उन पर सहानुभूति से विचार करें ताकि मिल सके पशुपालकों को लाभ : मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा
- मुख्य सचिव ने वीसी के माध्यम से की पशु किसान क्रेडिट कार्ड की समीक्षा।
करनाल 11 सितम्बर: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने प्रदेश के सभी बैंकर्स को निर्देश दिए कि वह पशु किसान के्रडिट कार्ड एक सप्ताह के अंदर-अंदर बनवाएं, जो क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए आवेदन आता है, उसको रिजेक्ट न किया जाए, यदि रिजेक्ट किया जाता है तो उसका कारण बताया जाए। यदि बैंकर्स सरकार के आदेशों की अनुपालना नहीं करेंगे तो उनकी स्वयं की जवाबदेही होगी।
वे शुक्रवार को चंडीगढ़ मुख्यालय से प्रदेश में पशु किसान के्रडिट कार्ड से मिलने वाले लाभ की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक लाभ देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से आसान किश्तों पर ऋण दिया जाता है। यह दो दुधारू पशुओं के लिए दिया जाता है, इसके लिए पशुपालक को 1 लाख 60 हजार रुपये तक कोई बैंक गांरटी नहीं देनी होती, यदि इससे ज्यादा हो जाता है तो उन्हें कुछ न कुछ गारंटी देनी पड़ती है, तीन लाख तक 7 प्रतिशत सालाना ब्याज पशुपालक को देना होगा।
यदि वह किश्त ठीक भरता है तो उसमें 3 प्रतिशत सरकार द्वारा छूट दी जा रही है। यह किसान क्रेडिट कार्ड बैंक की सभी शाखाओं पर बनाए जाने हैं। उन्होंने सभी बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह किसानों के के्रडिट कार्ड बनवाएं ताकि वह सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठा सकें।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि करनाल में पशु किसान के्रडिट कार्ड के 21 हजार 190 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 7745 आवेदनों को स्वीकृत करके 80 करोड़ 70 लाख रुपये पशुपालकों को ऋण के रूप में दिए हैं। उन्होंने बताया कि सभी बैंकों को हिदायत दी गई है कि वह इस योजना के तहत अधिक से अधिक पशुपालकों के ऋण स्वीकृत करें। यदि किसी आवेदन में रिजैक्शन आती है तो उसका कारण भी बताएं।
एलडीएम एसके सिंघाल ने बताया कि करनाल जिला में पशु किसान क्रेडिट कार्ड का कार्य ठीक प्रकार से चल रहा है। जो भी रिजैक्शन आ रही है उनमें अधिकतर जिन पशुपालकों के खाते ठीक नहीं है या कुछ ऐसे किसान जिनका खाता नम्बर दूसरे बैंकों में है। उन्होंने सभी बैंकों को निर्देश भी दिए हैं कि वह ऐसे आवेदनों को रिजेक्ट न करें जो दूसरे बैंकों के हैं, हो सके तो उन्हें संबंधित बैंक में भेज दें।