November 15, 2024
आज मिमानी स्टेम जैन थेरापुटिक्स और जेसीआई क्लब की ओर से रेलवे रोड के प्रेम प्लाज़ा में कार्यशाला का आयोजन किया गया स्टेम जैन थेरापुटिक्स सीईओ प्रभु मिश्रा ने करीब 500 लोगो को सम्बोधित करते हुए स्टेम सेल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ कोशिका या मूल कोशिका ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है।वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है।इस प्रकार यदि हृदय की कोशिकाएं खराब हो गईं, तो इनकी मरम्मत स्टेम कोशिका द्वारा की जा सकती है। इसी प्रकार यदि आंख की कॉर्निया की कोशिकाएं खराब हो जायें, तो उन्हें भी स्टेम कोशिकाओं द्वारा विकसित कर प्रत्यारोपित किया जा सकता है। इसके बाद मिमानी स्टेम जैन थेरापुटिक्स की निदेशक व् मशहूर डाक्टर प्रियंका मिमानी ने आगामी जानकारी देते हुए बताया कि इसी प्रकार मानव के लिए अत्यावश्यक तत्व विटामिन सी को बीमारियों के इलाज के उददेश्य से स्टेम कोशिका पैदा करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।
अपने मूल सरल रूप में स्टेम कोशिका ऐसे अविकसित कोशिका हैं जिनमें विकसित कोशिका के रूप में विशिष्टता अर्जित करने की क्षमता होती है। क्लोनन के साथ जैव प्रौद्योगिकी ने एक और क्षेत्र को जन्म दिया है, जिसका नाम है कोशिका चिकित्सा। इसके अंतर्गत ऐसी कोशिकाओं का अध्ययन किया जाता है, जिसमें वृद्धि, विभाजन और विभेदन कर नए ऊतक बनाने की क्षमता हो।सर्वप्रथम रक्त बनाने वाले ऊतकों से इस चिकित्सा का विचार व प्रयोग शुरु हुआ था। अस्थि-मज्जा से प्राप्त ये कोशिकाएं, आजीवन शरीर में रक्त का उत्पादन करतीं हैं और कैंसर आदि रोगों में इनका प्रत्यारोपण कर पूरी रक्त प्रणाली को, पुनर्संचित किया जा सकता है। ऐसी कोशिकाओं को ही स्टेम कोशिका कहते हैं।डाक्टर रजत मिमानी ने बताया कि अब स्टेम सेल से संबंधित इलाज के लिए आपको विदेश जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी तथा अब ये इलाज आपको करनाल के मिमानी स्टेम जैन थेरापुटिक्स में ही मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि स्टेम सेल के माध्यम से शरीर में कमजोरी,मधुमेह,लीवर से संबंधित बीमारीया, दिल के रोगो से संबंधित बीमारियो का इलाज किया जा सकता है जोकि भारत जैसे देश में बिलकुल नई तकनीक है लेकिन विदेशो में अधिकतर मरीज इसी प्रणाली का सहारा लेकर अपना इलाज करवाता है जिसके परिणाम शत प्रतिशत रहे हैं। जेसीआई क्लब के प्रधान अंशुल गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जेसीआई क्लब करनाल की ओर से इलीट सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है तथा आज समापन समारोह के कार्यक्रम में मिमानी स्टेम जैन थेरापुटिक्स व् स्टेम जैन थेरापुटिक्स के सीईओ द्वारा संयुक्त तौर पर स्टेम जैन कार्यशाला का आयोजन किया गया था जिसमे करनाल के करीब 500 व्यक्तियों ने भाग लेकर जेसीआई की इस कार्यशाला को न केवल कामयाब बनाया बल्कि इस नई प्रणाली से किस तरह आप अपने वर्षो पुराने रोगो को भी दूर कर सकते है।

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