करनाल। करनाल को हरियाणा का पहला स्मार्ट सिटी बनाने का मुद्दा सर्वप्रथम उठाने वाले व इस मुद्दे को करनाल की सभी सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से एक जन-आंदोलन में बदलने वाले करनाल के जाने-माने शिक्षाविद व प्रयास फाउंडेशन के प्रमुख व सामाजिक कार्यकर्ता कुलजिन्दर मोहन सिंह बाठ द्वारा आज गुरुपूर्णिमा के दिन मुख्यमंत्री हरियाणा को जारी एक खुले पत्र में मेरा करनाल-स्मार्ट सिटी करनाल के लक्ष्य प्राप्ति हेतु जन-अभियान के दूसरे चरण के आरंभ की घोषणा करते हुए मांग कि इस जन भावनायों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे पर गत छह वर्षों में हुई कार्य प्रगति पर सरकार को अविलंब एक श्वेतपत्र जारी करना चाहिये।
उन्होंने मांग की की करनाल की जागरूक जनता के समक्ष मुख्यमंत्री हरियाणा को वो तथ्य भी लाने चाहिए, जिनके चलते चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किए जाने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा 2014 की करनाल की अपनी पहली चुनावी रैली में करनाल की जनता से वायदा करने के बाद व तत्पश्चात केंद्रीय सरकार द्वारा घोषित देश के 100 स्मार्ट शहरों की लिस्ट में आने के पश्चात भी गत छह सालो से करनाल स्मार्ट सिटी नही बन सका।
उन्होंने आगे कहा कि करनाल को स्मार्ट सिटी बनाने की जन-जन की पुरजोर मांग को स्वीकार कर अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने के बाद ही मुख्यमंत्री को गत चुनावो में करनाल की जनता जनार्दन ने रिकॉर्ड मतों से विजयी बनाया, परंतु करनाल को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा आज भी एक अधूरा वादा बन केवल एक कागज़ी घोषणा तक सीमित हो कर रह गया है, जिस से जन भावनायें आहत व आक्रोशित है।
इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया को मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर के नाम जारी अपने खुले पत्र में कुलजिन्दर मोहन सिंह बाठ ने मुख्यमंत्री को याद करवाया की स्मार्ट सिटी की लिस्ट में करनाल का नाम आने के बाद मुख्यमंत्री आवास चंडीगढ़ में करनाल के सभी वरिष्ठ व गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष इस बात पर सहमति बनी थी कि करनाल के सभी वार्डो व सामाजिक क्षेत्र के अतिवशिष्ठ सौ गणमान्य जन पर आधारित प्रॉमिनेंट सिटीजन कॉउन्सिल (पीसीसी) का गठन किया जाएगा जो न केवल स्मार्ट सिटी के अंतर्गत होने वाले सभी विकास कार्यो हेतु सरकार को सुझाव ही देगी बल्कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत होने वाले विकास कार्यो की प्रगति व क्वालटी पहलू पर नजऱ रखेगी।
स्वयं प्रदेश के मुखिया व करनाल विधायक मनोहर लाल प्रत्येक माह में कम से कम एक बार पीसीसी कौंसिल के सदस्यों से मुख़ातिब हो कर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यो की प्रगति रिपोर्ट लेंगे। परंतु यह वादा मात्र एक चुनावी वादा बन के रह गया। एक दर्जन से अधिक बार अलग अलग एजेंसीयों को स्मार्ट सिटी परियोजना निर्माण का ब्लूप्रिंट तैयार करने का कार्य सौपने के बाद भी केंद्रीय सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इन ब्लूप्रिंटस को अस्वीकार कर ठुकरा दिया गया।
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि हरियाणा सरकार द्वारा और मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं करनाल की स्मार्ट सिटी परियोजना को गंभीरता से नही लिया गया और छह साल बाद भी यह योजना मात्र कागज़ी योजना बन कागज़ों पर ही विद्यमान है।
बाठ ने आगे कहा कि करनाल हेतु स्मार्ट सिटी की घोषणा के बाद, इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर गत छह वर्षो की शून्य प्रगति को देखते हुए करनाल की सभी सामाजिक संस्थाओं के सक्रिय सहयोग से वरिष्ठ व गणमान्य व्यक्तियों पर आधारित 100 सदस्यीय प्रॉमिनेंट सिटीजन्स काउंसिल के गठन की प्रक्रिया का शुभारंभ किया जा रहा है। यह सिटीजन्स कॉउन्सिल पूरी तरह से गैर राजनीतिक, पूर्वाग्रह रहित , निष्पक्ष व गैर विवादित सम्मानित सामाजिक लोगों पर आधारित नागरिक कॉउन्सिल होगी, जिसके सभी सदस्यों का चुनाव भी एक स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा निष्पक्ष व लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत किया जाएगा।
अपने गठन के बाद यह कौन्सिलम अपने पहले अधिवेशन में मुख्यमंत्री को आमंत्रित कर स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर करनाल के सभी नागरिकों की करनाल शहर के विकास को लेकर जनभावनाओं से उन्हें अवगत करवाएंगे और करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्य कलापो से इस प्रस्तावित पीसीसी कॉउन्सिल के सदस्यों को जोड़ा जाएगा ताकि अधिक से अधिक विकास कार्यो को जनभावनाओं के अनुरूप सम्पन करवाया जा सके और विकास कार्यो को करने की समय सीमा व उन विकास कार्यो के क्वालिटी पक्ष का सामाजिक ऑडिट भी किया जाएगा।
करनाल स्मार्ट सिटी परियोजना के निर्माण व मूर्त रूप देने में होने वाली किसी भी देरी के लिये यह कॉउन्सिल सरकार व सरकारी एजेंसियों की जवाबदेही भी जनता की और से निश्चित करेगी।