पुलिस अधीक्षक करनाल श्री सुरेंद्र सिंह भौरिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि जैसा कि आप सभी को विदित है कि कोरोना महामारी के कारण प्रवासी मजदूरों का पलायन प्रशासन के लिये एक चिंता का विषय है। प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में पहुचाने के लिये प्रशासन द्वारा कई प्रकार की सुविधाऐं दी जा रही हैं। बसों व ट्रेनों का उचित प्रबंध किया गया है।
लेकिन फिर भी बहुत से प्रवासी मजदूर इन सुविधाओं की जानकारी के अभाव में पैदल ही अकेले व अपने परिवार के साथ अपने घर पर जाने को मजबूर हैं। जिससे एक झकझोर देने वाली स्थिती पैदा होती है। प्रवासी मजदूरों द्वारा ऐसा करने से कई बार वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। और अपने व अपने परिवार जनों के जीवन को खतरे में डाल लेते हैैं।
देखने में यह भी आया है कि कुछ प्रवासी मजदूर नदी, नालों को पार करके अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। जिनको पुलिस द्वारा समझा-बुझा कर रोका जा रहा है और उचित प्रबंध करने के बाद उनको उनके घर भेजा जा रहा है।
सुरेंद्र सिंह भौरिया ने प्रवासी मजदूरों से नम्र निवेदन करते हुये कहा कि कोई भी मजदूर अपने-2 घरों, गृह जिलों व गृह राज्यों के लिये पैदल बिल्कुल भी ना जायें। और नदी, नालों, नहरों आदि को तो बिल्कुल भी पार करने की कोशिश ना करे। सभी प्रवासी मजदूरों को जिला प्रशासन द्वारा उचित मदद पहुचाई जा रही है, और उनको घर पहुचाने के लिये बसों व ट्रेनों का उचित प्रबंध किया गया है।
जब तक प्रवासी मजदूरों को घर नही भेजा जाता है तब तक उनके खाने-पीने व ठहरने केे लिये जिला करनाल में कुल 14 सैल्टर होम बनाये गये। कोई भी प्रवासी मजदूर इन सैल्टर होम में जाकर ठहर सकता है। अगर किसी भी प्रवासी मजदूर को इन सैल्टर होम बारे कोई भी समस्या आये तो वह किसी भी नजदीकी पुलिस स्टेशन, चौकी से सहायता प्राप्त कर सकता है।
सभी प्रवासी मजदूरों का मैडिकल चैक-अप करवाने के बाद उनको बसों व ट्रैनों में बिठाकर उनके घरों के लिऐ रवाना किया जा रहा है। इसलिये किसी भी प्रवासी मजदूर को घबराने की आवश्यकता नही है।
जिला प्रशासन करनाल द्वारा रोजाना करीब 1000 से 1200 प्रवासी मजदूरो को उनके गृह राज्यों उ.प्र., बिहार, राजस्थान, व मध्यप्रदेश इत्यादि राज्यो में पहुचाया जा रहा हैै। बिहार राज्य के प्रवासी मजदूरों को प्रशासन द्वारा ट्रेनों का उचित प्रबंध करा कर बिहार भेजा जा रहा है। जिला प्रशासन करनाल द्वारा अब तक करीब 10 हजार से 12 हजार प्रवासी मजदूरों को बसों व ट्रैनों के माध्यम से उचित प्रबंध करके उनके घरों तक पहुचाया जा चुका है।
इसलिये कोई भी प्रवासी मजदूर यह ना सोचे कि वह अपने घर नही पहुंच पायेंगे। एक-एक प्रवासी मजदूर को उचित प्रबंध कर उनके घरों तक पहुचाया जायेगा।
जिला पुलिस करनाल द्वारा सैल्टर होम में रूके प्रवासी मजदूरों व उनके बच्चों के नंगे पैरो को देख कर थाना प्रबंधक मधुबन निरीक्षक तरसेम चंद ने उनसे नंगे पैर होने का कारण पूछा तो उन्होने बताया कि उनके पास जूते व चप्पल पहनने के लिए पैसे नही है, इस कारण नंगे पैर बच्चों को लेकर चल दिये।
पुराने जूते-चप्पल रास्ते में ही टूट गये है। प्रबन्धक थाना द्वारा नंगे पैर प्रवासी मजदूरों व उनके बच्चों को जूते, चप्पल, मास्क, बिस्कुट के पैकेट व चौकलेट वितरीत किये गये। जुते चप्पल मिलने पर सभी ने प्रबंधक थाना का धन्यवाद किया।