सामाजिक सुरक्षा योजना से जुड़ी बुढ़ापा, विधवा और दिव्यांग जैसी पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक राहत भरी खबर है। अब इन पेंशन योजनाओं के लाभपात्रों द्वारा 3 मास में कम से कम एक बार बायोमीट्रिक व वाउचर के माध्यम से पेंशन न निकाले जाने पर विभाग को वापिस नहीं जाएगी और न ही दोबारा पेंशन शुरू करवाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र देना होगा। बैंक से पैसे निकालने की होड़ में कोई भी बैंक के सामने भीड़ ना लगाएं।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से इस सम्बंध में जारी एक पत्र का हवाला देकर कहा है कि यह निर्णय कोविड-19 वायरस के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से लिया गया है।
उन्होंने कहा कि महामारी पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए एडवाईज़री जारी की गई है। उपरोक्त स्थिति में पेंशन लाभार्थियों को बैंक में जाकर वाउचर के माध्यम से पेंशन राशि निकलवाने में कठिनाई आ रही है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि पेंशन के लाभार्थी भारी संख्या में बैंक में न जाएं।
बता दें कि बीती 2 जून 2016 को सरकार द्वारा विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत बैंको व पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पेंशन के वितरण को लेकर जो निर्णय लिया गया था, उसमें हिदायत थी कि पेंशन योजनाओं के लाभपात्र द्वारा 3 मास में कम से कम एक बार बायोमीट्रिक/वाउचर के माध्यम से पेंशन प्राप्त न करने पर, 3 महीनो की पेंशन राशि सम्बंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस द्वारा विभाग को वापिस भेज दी जाएगी तथा विभाग द्वारा भविष्य में पेंशन राशि लाभार्थी के खाते में नहीं भेजी जाएगी।
सरकार की हिदायत में यह भी कहा गया था कि ऐसी स्थिति में एक साल के अंदर पेंशन दोबारा शुरू करवाने के लिए लाभार्थी द्वारा विभाग को प्रार्थना पत्र देना होगा और आवेदन के बाद नए सिरे से पेंशन बनवानी होगी।
अब कोरोना से उत्पन्न मौजूदा परिस्थितियों के चलते सरकार ने इस मामले में विचार के उपरांत पूर्व में जारी उपरोक्त हिदायतों में 30 जून 2020 तक की छूट दे दी है, ताकि लाभार्थियों को कोई असुविधा न हो। अत: यदि कोई लाभार्थी 30 जून 2020 तक अपनी पेंशन राशि बायोमिट्रिक/वाउचर के माध्यम से नहीं निकलवा पाता, तो उसकी पेंशन नहीं रोकी जाएगी और ना ही वापिस जाएगी।