उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि किसान क्रडिट कार्ड का लाभ अब पशुपालकों को भी दिया जाएगा। ऐसे किसान जो किसान के्रडिट कार्ड धारक हैं और पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधियाँ भी करना चाहते हैं, ऐसे व्यक्ति संबंधित बैंक से 7 प्रतिशत की दर पर 3 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। सरकार की इस फलैगशिप स्कीम के तहत लाभार्थी को एक सिंगल फार्म भरना होगा।
स्कीम में किसान के्रडिट कार्ड धारक और नए केसीसी धारक लाभ उठा सकते हैं। उपायुक्त ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 3 लाख रुपये की लिमिट है, लाभार्थी इसमें से पशुपालन के्रेडिट कार्ड का लाभ भी ले सकते हैं। अतिरिक्त सीमा के अनुमोदन के लिए शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
बैंकों द्वारा प्रोसेसिंग, डॉक्यूमेंटेशन व इंस्पेक्शन, इंस्पेक्टर और लीडर फोलियो के चार्ज के साथ-साथ 3 लाख रुपये तक किसान क्रडिट कार्ड लोन के लिए अन्य सर्विस चार्ज माफ किए गए हैं।
उपायुक्त मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में मीडिया से रूबरू हो रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा सभी पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए रियायती संस्थागत ऋण के लिए सार्वभौमिक पहुंच की सुविधा के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। रियायती संस्थागत ऋण का लाभ उठाने के लिए किसान केडिट कार्ड जारी करने के लिए सभी पीएम-किसान लाभार्थियों को सुविधा प्रदान की जाएगी।
उन्होंने सभी बैंकर्स को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सभी किसानों के क्रेडिट कार्ड बनाना सुनिश्चित करें और सरकार की नई योजनाओं का लाभ पहुंचाएं।
इस मौके पर एलडीएम सुरेन्द्र कुमार सिंघाल ने किसान के्रडिट कार्ड योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि किसान के्रडिट कार्ड के तहत पीएम-किसान लाभार्थियों के कवरेज के लिए एक पेज का सरलीकृत रूप विकसित किया गया है, जिसमें उन्हें केवल भू-अभिलेख दस्तावेज की प्रतिलिपि प्रदान करनी है और भरे हुए फॉर्म के साथ बोई गई फसल और बैंक शाखा से संपर्क करना है जहां से वे उनके लिए किसान के्रडिट कार्ड जारी करने के लिए पीएम-किसान लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने सभी बैंकों को सलाह दी गई है कि वे विशेष शिविरों का आयोजन करें और प्रपत्रों को स्वीकार करने के लिए एक अलग खिडक़ी प्रदान करें। किसान के्रडिट कार्ड सीमा को कम से कम 14 दिनों से अधिक समय के भीतर सीमित करें।
कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग (एनआरएलएम परियोजना के तहत पंचायत सचिव और बैंक सखी सहित) सहित लाइन विभाग के अधिकारी सभी पीएम-किसान लाभार्थियों के बीच जागरूकता के प्रसार की सुविधा प्रदान करेंगे और उन्हें बैंक शाखा का दौरा करने के लिए प्रेरित करेंगे।
उन्होंने बैंक शाखाओं को पीएम-किसान लाभार्थियों की सूची तैयार करने की सलाह दी गई है जिनके पास किसान के्रडिट कार्ड नहीं है और उन्हें रेखा विभागों के सरकारी अधिकारियों के साथ साझा करना चाहिए ताकि उन्हें किसान के्रडिट कार्ड लाभ प्राप्त करने के लिए संपर्क किया जा सके।
नाबार्ड के डीडीएम अभिमन्यु मलिक ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह का गठन करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है ताकि उन्हें स्वरोजगार के लिए ऋण मुहैया करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि जनवरी से मार्च माह तक 360 स्वयं सहायता समूहों का गठन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे फरवरी माह तक ही हरसंभव पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के महत्व के बारे में भी जानकारी दी।